मातृत्व निर्माण एवं नेतृत्व क्षमता में परिपूर्ण हैँ नारियाँ : उर्वशी साहू यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता’

भारत बर्ष के “मैं हूँ बेटी” सम्मान सहित जनपद एवं प्रदेश स्तर पर अनेकों सम्मान से सम्मानित और टीम मिशन बेटियांँ की जिला संयोजिका श्री मति उर्वशी साहू ने महिला दिवस पर समस्त महिला शक्ति को नमन करते हुए अपनी बात आम जनमानस को समर्पित की और कहा कि हमारे देश में आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से ही नारी को एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है मातृ शक्ति से बढ कर मनुष्य के पास दुसरी शक्ति नही है नारी का स्नेह, नारी का समर्पण, नारी का वात्सलय, नारी का सौहार्द, नारी का विश्वास, नारी की सेवा ऐसी शक्ति है जिन्हें पा कर मनुष्य अमोघ और अक्षय शक्ति वाला बन जाता है जिनकी पीठ पर मां का, स्त्री का हाथ होता है वह अविजित ही संसार में सफलता प्राप्त करता है और आगे बढ़ता है किसी भी समाज सांस्कृतिक या आध्यात्मिक स्त्तर समाज में नारियों का स्थित मे निर्धारित होता है। इतिहास एवं पुराण में व्यापक परिपेक्ष्य देखने से पता चलता है कि नारी की मातृत्व निर्माण एवं नेतृत्व की शत्तिया ही पुरुष की शारीरिक मानसिक भौतिक अध्यात्मिक विकास करते रही है। मनुष्य के जीवन पथ को आगे बड़ा स्त्री शांति स्वरूप और पूजनीय है वह परिवार की शोभा है, देवी है, ज्योति है उसकी ज्योति से संपूर्ण परिवार प्रकाशित होता रहता है उसके अभाव में घर सुनसान लगता है वह घर की प्राणबिंदु है प्राण मात्र के दुख दर्द का समझने स्वार्थ को परमार्थ के ढालने के विराट चिंतन वृति पुरुष को नारी ने ही दी है। सामाजिक संगठन समुन्नति कि प्रेरक भी वही है राष्ट्र के यश सौभाग्य और लक्ष्मी भी वही है जिस देश और जाति में नारी का पूज्य स्थान होता है वही देश जातियाँ गौरव प्राप्त करती हैं इस बात का प्रमाण हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी देखने को मिलता है प्राचीन ग्रंथों में तो नारी को देवी के समान पूजनीय माना गया है ग्रंथों में बताया गया है महिला सशक्तीकरण भौतिक या आध्यात्मिक, शारिरिक या मानसिक सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाने की प्रक्रिया है सनातन धर्म में प्रत्येक सामाजिक व धार्मिक कार्यों में स्त्रियों की उपस्थिति अनिवार्य है
हमें समझना होगा कि लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाना इतना महत्वपूर्ण क्यों है क्योंकि महिलाओं को सशक्त बनाना परिवारों समुदायों और देशों के स्वास्थ्य और सामाजिक विकास के लिए आवश्यक है जब महिलाएं सुरक्षित पूर्ण और उत्पादक जीवन जी रही हैं तो वे अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकती हैं एवं अपने देश समाज परिवार से लिए काफी कुछ कर सकती है अनेकों प्रयास के फलस्वरूप महिलाओं की स्थिति में सुधार हुए है समय बीतने के साथ सरकार ने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए कई कानून बनाए हैँ । स्त्री शिक्षा को अनिवार्य किया गया लड़की की मर्जी के बगैर शादी पर प्रतिबंध लगाया गया| तलाक को कानूनी दर्जा दिया गया। टीम मिशन बेटियांँ पिछले कई बर्षों से बेटियों के जीवन शिक्षा ओर सुरक्षा पर अनेकों कार्यक्रम कर रही है इसके माध्यम से बेटियांँ महिलाओं को स्व रोजगार के लिए अनेकों सृजनात्मक प्रशिक्षण दिए जा रहे है विधलायों में बच्चों के साथ कार्यक्रम हॉस्पिटल में बेटी जन्मोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है पेंटिंग के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम टीम मिशन बेटियांँ देश भर में आयोजित कर रही है अंततः हम सभी “जय हिन्द – जय भारत – जयति जयति नारी” के उद्दघोष के साथ आगे बढ़ना होगा।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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