*विश्व कविता दिवस पर छात्र छात्राओ नें स्व-रचित कविता पाठ कर अपनी प्रतिभा को निखारा*

*विश्व कविता दिवस पर छात्र छात्राओ नें स्व-रचित कविता पाठ कर अपनी प्रतिभा को निखारा*
लड़कियाँ खिलौना नहीं होती….l
वो तो माँ बाप है जो प्यार से उन्हें गुड़िया पुकारते हैll
इन्ही पंक्तियों के साथ आज कविता प्रतियोगिता का ऑनलाइन आयोजन उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून में हुआ, जिसमे देश के विभिन्न राज्यों के छात्र छात्राओ नें हिस्सा लिया
विश्व कविता दिवस, युनेस्को के आवाहन पर प्रति वर्ष पूरी दुनिया के देशो में 21 मार्च को मनाया जाता है l
उत्तराँचल यूनिवर्सिटी देहरादून की साहित्यिक सभा के तत्वावधान में कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे यूनिवर्सिटी के इंजिनियरिंग, मैंनेजमेन्ट, नर्सिंग एवं विधि लॉ विभाग के छात्र छात्राओ नें स्व-रचित कविताओं का पाठ किया जिसमे, आशुतोष, निहारिका, मुस्कान, अंजनी, अंकित, वाणी, दक्ष, श्रेया, मानसी, अनुराधा आदि नें ह्रदय स्पर्शी कविताओं का पाठ किया l
इस अवसर पर साहित्य सभा के चेयरपर्शन डाo अनिल कुमार दीक्षित नें कहा कि “विश्व कविता दिवस ” के आयोजन का उद्देश्य नवोदित कवि एवं कवियत्रीयों की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देना है
प्रतियोगिता के सैयोंजक राहुल रावत, इशिका सिँह, देवयानी श्रीवास्तव, हर्ष गुप्ता थे
इस कविता पाठ प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डाo नवनीत शुक्ला, श्री अरमान जोशी एवं अपूर्वा शुक्ला नें विजयी प्रतिभागियो का चयन किया जिसमे प्रथम स्थान अनुराधा कटारिया (जालंधर पंजाब), द्वितीय स्थान अंजनी सिँह (दिल्ली यूनिवर्सिटी)एवं तीसरे स्थान पर सक्षम शुक्ला विजयी रहे l वही दक्ष एवं श्रेया चुग को साँत्वना पुरुस्कार से पुरुस्कृत किया गया
कार्यक्रम का संचालन आयुष बिस्ट, भूमिका रौथान एवं आयुषी शंकर नें किये अंत में साहित्यिक सभा की अध्यक्ष डाo पिंकी चुग नें निर्णायक-मंडल सहित विजेताओं एवं प्रतिभागियो का आभार व्यक्त किया ल
प्रतियोगिता का आयोजन ऑनलाइन किया गया l
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Timesnowbundelkhand.com