वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कृषकों की आय एवं कृषि उत्पादन में हुई बढ़ोत्तरी

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि है। प्रदेश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या का अर्थोपार्जन कृषि पर आधारित है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कृषि और कृषकों को दी जा रही सुविधाओं का ही परिणाम है कि कृषकों द्वारा आधुनिक तकनीक का उपयोग कर उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि कर प्रदेश को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाते हुए ‘‘आवश्यकता से आधिक्य’’ की ओर पहुंचाया है। वर्तमान सरकार के गत 08 वर्षों के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।
प्रदेश में कृषि विकास दर जो वर्ष 2016-17 में 8.6 प्रतिशत थी वह वर्ष 2023-24 में बढ़कर 13.7 प्रतिशत हो गयी है जो कृषि क्षेत्र में हुए सुव्यवस्थित विकास को दर्शाती है। उत्तर प्रदेश में 09 क्लाइमेटिक जोन है जिनमें 187.70 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है। उत्तर प्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य है जहां कुल उपलब्ध भूमि का 76 प्रतिशत कृषि कार्य हेतु उपयोग किया जा रहा है जिनमें कृषकों द्वारा विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश की फसलों के लिए 86 प्रतिशत से अधिक सिंचित भूमि का कवरेज किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा खेती और खेतिहरों को दी गई बीज, खाद, सिंचाई, कृषि उपकरण आदि सुविधाओं का ही परिणाम है कि प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन जो वर्ष 2016-2017 में मात्र 557 लाख मीट्रिक टन था, वह वर्ष 2023-24 में 112 लाख मीट्रिक टन बढ़कर लगभग 669 लाख मीट्रिक टन हो गया है। उसी तरह वर्ष 2016-17 में खाद्यान्न उत्पादकता जो लगभग 27 कुन्तल प्रति हेक्टेयर थी वह वर्ष 2023-24 में बढ़कर 31 लाख कुन्तल प्रति हेक्टेयर हो गयी है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 04 कुन्तल प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है।
गत 08 वर्षों में प्रदेश में प्रति वर्ष 400 लाख टन फल एवं सब्जियों का उत्पादन करते हुए उत्तर प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश की पीली खेती किसानों को खूब आकर्षित कर रही है। तिलहन उत्पादन में किसानों द्वारा अच्छे बीज का उपयोग करते हुए उत्पादकता बढ़ाई है। वर्ष 2016-17 में तिलहन उत्पादकता जो मात्र 12.40 लाख मीट्रिक टन थी, वह 2023-24 में 128 प्रतिशत बढ़कर 28.31 लाख मीट्रिक टन हो गयी है। तिलहन उत्पादकता में उ0प्र0 को भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत भी किया गया है। कृषि सेक्टर के कायाकल्प के लिए विश्व बैंक सहयोग से कृषि विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम (यूपी एग्रीस) का शुभारम्भ किया गया है, जो पूर्वांचल के 21 और बुन्देलखण्ड 07 जिलों को प्रत्यक्ष लाभ प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष रू0 6000 तीन समान किश्तो में दिया जा रहा है। इस योजना से किसानों को बीज, खाद क्रय करने में किसी से उधार नहीे लेना पड़ता है। यह किसानों के हित में बड़ी लाभदायक योजना है। प्रदेश के पात्र 2.86 करोड़ से अधिक किसानों को रु.80,000 करोड़ से अधिक की धनराशि उनके खातों में हस्तान्तरित की गई है। प्रदेश में कृषकों के कल्याणार्थ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 14 सितम्बर, 2019 से लागू की है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 163 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए है।
किसान अपनी फसल उत्पादन के लिए पूरे परिवार सहित फसल सीजन में भरपूर मेहनत करता है। यदि फसल में कोई आपदा आने पर खराबी आ जाती है, तो उसकी लागत पूंजी सहित पूरी मेहनत बर्बाद हो जाती है। इन्ही आपदाओं को दृष्टिगत रखते हुए देश के प्रधानमंत्री जी ने किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की है। जिसके अंतर्गत फसल नष्ट होने पर उसे बीमित फसल का पूरा लाभ दिया जाता है। प्रदेश में 58.07 लाख किसानों को रु. 47,535.09 करोड़ की फसल क्षतिपूर्ति दी गयी है। प्रदेश में जहां बिजली की अनुपलब्धता है तथा कोई भी किसान अपने खेत पर सोलर पम्प लगाना चाहता है तो वह पी.एम. कुसुमयोजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन कर सोलर पम्प लगवा सकता है। प्रदेश में अब तक 76,189 से अधिक किसानों को सोलर पम्पों का आवंटन किया गया है। प्रदेश में पी.एम. किसान मानधन योजना के अंतर्गत 2.52 लाख किसानों को लाभार्थी कार्ड वितरित किया गया है।
प्रदेश सरकार का ध्येय है कि किसानों को कृषि एवं फसल संबंधी समस्त जानकारी एवं खाद, बीज, कृषि यंत्र एक ही स्थान पर प्राप्त हो। इसके लिए प्रदेश में प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन एग्रीजंक्शन योजना वन स्टाप शॉप के माध्यम से 6,608 एग्रीजंक्शन की स्थापना की गई है। जहां से किसान कृषि संबंधी समस्त जानकारी एवं आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए लाभान्वित हो रहे है। प्रदेश में गत 08 वर्षों में रु. 8,78,192.23 करोड़ किसानों को फसली ऋण वितरित किए गए है।
आधुनिक तकनीक के दृष्टिगत प्रदेश में खेती-बाड़ी में ड्रोन के प्रयोग की शुरुआत की गई है। एफ.पी.ओ. एवं कृषि स्नातकों को ड्रोन हेतु 40-50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। रासायनिक खादों का उपयोग न कर प्राकृतिक ढ़ग से खेती करने के लिए सरकार किसानों को सहायता दे रही है। प्रदेश में 49 जनपदों के 85,710 हे. भूमि में प्राकृतिक खेती की जा रही है। प्रदेश में पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना लागू की गई है। किसानों को कृषि उत्पादन बढ़ाने हेतु वर्ष 2024-25 में लगभग 66 लाख कुन्तल गुणवत्तापूर्ण बीजों का वितरण किया गया। प्रदेश में भूमि की उवर्रता बढ़ाने हेतु वर्ष 2024-25 में लगभग 95 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण कृषकों को किया गया तथा लगभग 08 लाख 30 हजार स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये हैं। बुन्देलखण्ड के समस्त जनपदों में 23 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की जा रही है।
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पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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