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धार्मिक आस्था और परंपरा से ओतप्रोत रहा आंवला नवमी पर्व,

महरौनी, ललितपुर –
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी या आंवरिया नमें भी कहा जाता है, श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया। धार्मिक मान्यता के अनुसार यह तिथि धात्री नवमी तथा कूष्मांडा नवमी के नाम से भी प्रसिद्ध है।
शास्त्रों में वर्णन है कि कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन आंवला वृक्ष की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी कारण से इस दिन महरौनी नगर एवं क्षेत्र में अनेकों देवालयों या धार्मिक स्थान पर कार्तिक स्नान करने वाली महिला श्रद्धालुजनो ने आंवला के पेड़ की विधिवत पूजा-अर्चना की एवं वहीं भोजन ग्रहण किया।
आंवला नवमी का पर्व धार्मिक आस्था, पर्यावरण संरक्षण और आयुर्वेदिक महत्व से भी जुड़ा हुआ है। आंवला को देव वृक्ष माना गया है, जिसके स्पर्श मात्र से पापों का नाश और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इसी भावना के साथ श्रद्धालु महिलाओं ने आंवला नवमी पर व्रत, स्नान और पूजन कर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की।
इस मौके पर कार्तिक स्नान करने वाली अनेक महिलाएं उपस्थित रहीं!

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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