बुधवार को श्रद्धालुओं ने बनाये 10 लाख पार्थिव शिवलिंग सैंकड़त्रो श्रद्धालुओं ने श्री सिद्धपीठ पहुंचकर किया पार्थिव शिवलिंग का निर्माण

ललितपुर। सवा पांच करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण आयोजन में बुधवार को श्रद्धालुओं ने 10 लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। श्रीरूद्रमहायज्ञ में पूजन प्रधान यजमान हरिशंकर साहू व सह यजमान गिरीश शर्मा ने किया।
अपराह्न में यज्ञाचार्य सहित वैदिक ब्राह्माणों द्वारा पार्थिव शिवलिंग का पूजन व महारूद्राभिषेक किया गया। तत्पश्चात श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए अंनत विभूषित चंडीपीठाधीश्वराचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी चन्द्रेश्वर गिरि महाराज ने कहाकि व्यक्ति को जीवन में दान अवश्य करना चाहिए। दान का बड़ा महत्व हैं। दान करने से मनुष्य की यश व कीर्ति युगों-युगों तक रहती हैं। दानवीर कर्ण व राजा बलि को उनकी दानशीलता के कारण जाना जाता हैं। यज्ञ, दान तथा तप इन तीन सत्कर्मों को कदापि नहीं छोड़ना चाहिए। यज्ञ, दान, तप मनुष्यों को पवित्र व पावन बनाने वाले हैं। श्रद्धा एवं सामर्थ्य से दान के सत्य स्वरूप को जानकर किया गया दान लोक-परलोक दोनों में ही कल्याण करने वाला होता है। सम्पूर्ण फल की प्रप्ति सत्पात्र को दान देने से ही प्राप्त होती है। अतः आत्मकल्याण की इच्छा रखने वाले को दान देना चाहिए। वहीं अपात्र को दान नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहाकि दरिद्रता को दूर करने का अमोघ शस्त्र है दान। दरिद्रता आदि दुःखों से दूर रहने का यहीं एकमात्र साधन है। दानशील पुरुष या स्त्री किसी भूखे, प्यासे, तिरस्कृतों का पालन-पोषण करके उन्हे तृप्त करते है तो वो सदा प्रसन्नता को प्राप्त करते है। वे सदा ही अपने जीवन में आनन्दित रहते है। पुराणों में धन की तीन गति बताई गई हैं। धन की तीन गतियां होती है दान, भोग और नाश। जो व्यक्ति धन का दान व भोग नहीं करता उसकी तीसरी गति अर्थात् नाश होती है। हमारे शास्त्रों में धन की सबसे अच्छी गति दान है। दान देने से हमारा धन पात्र के पास पहुंच गया और उसकी जरुरी आवश्यकता पूर्ण हो गई। इसीलिए यह श्रेष्ठ गति है। अगर हम दान न देकर उसका भोग करेंगे तो आवश्यक-अनावश्यक कर्मों में व्यय होगा। यदि खर्च ही नहीं करेंगे तो तीसरी गति अर्थात् नाश को प्राप्त होगा। क्योंकि दान के माध्यम से अत्यन्त आवश्यकता वाले के उद्देश्य की पूर्ति होती है। इसप्रकार दान देना हमारा कर्तव्य कर्म है-यह समझकर देना चाहिए। जहां जब एवं जिस वस्तु की आवश्यकता हो तब दिया जाय एवं देश, काल तथा परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सुपात्र को ही दिया जाये। कथा के दौरान धूमधाम से गोवर्धन उत्सव मनाया।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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