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श्रीराम ने किया शिव-धनुष भंग, गूंजे जयकारे, रावण-बाणासुर संवाद और जनक विलाप सुनकर भावविभोर हुये दर्शक,

महरौनी,ललितपुर-
श्री रामयश कीर्तन मंडली के तत्वाधान में चल रहे 88 वें रामलीला महोत्सव के चौथे दिवस धनुषयज्ञ की लीला का मंचन हुआ , जिसे देखने के लिये दर्शकों की भारी भीड उमड़ पडी।
लीला मंचन से पूर्व प्रतिदिन के आरतीकर्ताओं के क्रम में राजेश जैन सर्राफ ब्लाक अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ, राजीव लिटौरिया कोषाध्यक्ष, हेमंत भोंडेले ,संतोष गुप्ता, नितिन जैन शास्त्री, सुरेन्द्र तिवारी, ध्रुव सेन को प्रथम आरती करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, तो वहीं मध्यक्रम की आरती गायत्री देवी पांडेय के परिवार की ओर से सचिन पांडेय भारत ने की।
बतौर मुख्य अतिथि एसडीएम महरौनी रजनीश कुमार एवं नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि दुष्यंत बडौनियां रहे।
लीला मंचन का प्रथम दृश्य सीता जी के स्वयंवर की तैयारियों के साथ शुरू हुआ, जिसमें जनक के आमंत्रण पर देश देशांतर के राजाओं का आगमन होता है। राजा जनक स्वयंवर सभा में रखे शिवधनुष का पूजन करते हैं और बंदीजन सभा में राजा जनक का प्रण सबको सुनाते हैं कि जो भी इस धनुष पर प्रत्यंचा चढाने में सफल होगा तो उसके साथ जनकनन्दिनी का विवाह होगा। धनुषयज्ञ के आयोजन का समाचार सुनकर स्वयंवर सभा में लंकापति रावण पहुँचता है।वहां राजा बलि के पुत्र बाणासुर का रावण से तीखा संवाद होता है।अंततः रावण स्वयंवर सभा को छोडकर लंका वापिस लौट जाता है। रावण-बाणासुर के ओजस्वी अभिनय संवाद को सुनकर दर्शक रोमांचित हो गये।
सभी राजा धनुष पर प्रत्यंचा चढाना तो दूर बल्कि उसे तिल भर हिला तक नहीं पाते हैं तो यह देखकर राजा जनक अधीर हो उठे और करुण विलाप करते हैं।हताश जनक गुस्से में सब राजाओं को ताना देते हैं और पृथ्वी को वीरों से खाली कह देते हैं। यह सुनकर लक्ष्मण क्रोधित हो जाते हैं और तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।तव राम अपने अनुज को शांत करते हैं और गुरू विश्वामित्र की आज्ञा पाकर श्रीराम विशाल शिवधनुष भंग कर देते हैं।धनुषभंग होने पर समूचा प्रांगण जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा ।
वहाँ ध्यान में लीन मुनि परुशराम धनुषभंग से हुयी जोरदार आवाज सुनकर व्याकुल हो उठे और जनकसभा की ओर रवाना होते हैं। मंचन के आखिरी दृश्य में श्रीराम और सीता जी का वरमाला कार्यक्रम संपन्न हुआ।युगल छवि के दर्शन पाकर उपस्थित जनसमूह भावविभोर हो गया।
मंचन में प्रखर मिश्रा, सूर्या नायक, आदर्श उदैनिया , हरिहर मोहन तिवारी , हृदेश गोस्वामी, अमित नायक, नितिंजय सिसौदिया, सूर्यकान्त त्रिपाठी,कल्लू राजा,शुभम खरे, जितेन्द्र पालीबाल,नितिन जैन शास्त्री,दीपक तिवारी,पीयूष शुक्ला, शशिकांत तिवारी,पिंकू महाराज, दिव्यांश खरे, विक्रम राय आदि का अभिनय सराहनीय रहा।
महोत्सव को सफल बनाने में बाबूलाल नायक,श्यामस्वरूप पालीबाल ,रामेश्वर रिछारिया,कृष्णस्वरूप पटैरिया,रामेश्वर सोनी,आशाराम तिवारी, महेन्द्र सिंह,संजय पांडेय भारत, कुलदीप खरे एड.,जानकी पेंटर ,शैलेन्द्र नायक,आनंद त्रिपाठी,पवन तिवारी, मुकेश नायक,सोनू पाठक,दिनेश राय, राजू पेंटर, राजबहादुर खरे, अखिलेश सोनी, सुरेश श्रीवास्तव, राजू सेन ,महिपाल सिंह, बलराम राय, कृष्णकांत नायक,विनोद कुशवाहा, राज सेन , देवांश तिवारी,ओमकार सिंह,अथर्व चतुर्वेदी, धन्तू खरे सराहनीय सहयोग दे रहे हैं।
रामलीला महोत्सव में आज श्रीराम वनगमन की लीला का मंचन होगा।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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