
महरौनी,ललितपुर,-
महर्षि दयानंद सरस्वती ट्रस्ट एवं आर्य समाज महरौनी के तत्वाधान में रामनवमी पर्व वैदिक रीति से मनाया गया।
आर्य समाज के प्रधान मुनि पुरुषोत्तम वानप्रस्थ ने कहा कि
महान तपस्वी, मर्यादा का पालन करने में पुरूषों में उत्तम, भारतीय वैदिक धर्म संस्कृति के महान राजा भगवान श्रीरामचन्द्र जी महाराज का अवतरण दिवस रामनवमी आत्मा के रामत्व को जगाने का पर्व है। भानुप्रताप सिंह राजा भैया ने कहा कि रामनवमी एक तिथि मात्र नहीं, बल्कि एक अवसर है, हमारे भीतर सोये हुए राम को जगाने का। जब हम राम का स्मरण करते हैं, तो हमारी कल्पना में एक मर्यादा पुरुषोत्तम की छवि बनती है , जो एक आदर्श पुत्र हैं, धर्मप्रिय राजा हैं, सहिष्णु और न्यायप्रिय योद्धा हैं। वहीं वक्ता हर प्रसाद प्रजापति एड0 ने कहा कि राम के जीवन की सबसे बड़ी विशेषता थी कि परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेना, परंतु उस निर्णय में आत्महित की अपेक्षा लोकहित को प्राथमिकता देना। वनवास की बात हो या युद्ध का निर्णय, पिता की आज्ञा हो या प्रजा की भावना हर निर्णय में राम ने अपने निजी सुख-दुख को गौण माना और धर्म की प्रतिष्ठा को प्रधानता से रखा!
इस अवसर पर अवधेश प्रताप सिंह बैंस,सुमन लता सेन शिक्षिका,जयदेवी शुक्ला,रागनी दुबे,आशीष तिवारी,राजेंद्र सिंह प्रधानाचार्य, भूपेंद्र सिंह शिक्षक,दिनेश सिंह, भल्लू प्रजापति आदि उपस्थित रहें।
संचालन आर्य मंत्री शिक्षक लखन लाल आर्य ने किया।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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