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अधिवक्ताओं द्वारा माननीय राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा,

महरौनी, ललितपुर-
भारत सरकार द्वारा अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 प्रस्तावित किया गया है जिसमे अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता व कर्तव्यनिष्ठा पर कुठाराघात किया गया है। जिसको बार एसोसिशन संघ महरौनी पूर्णरूप से खारिज करता है।
नीति निर्देशक तत्वों में यह राज्य का कर्तव्य है कि खुद व्यवस्थापिका को न्याय पालिका से अलग रखने के लिये प्रतिबद्ध रहेगा, ऐसा लगता कि कि अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन संविधान की प्रसार आधार भूत संरचना पर हमला करने की नियत से लाया गया हैं, साथ ही पूर्व से प्रस्तावित अधिवक्ता अधिनियम जो शासन में विचाराधीन है उसे लागू नही किया है जिसे तुरंत लागू किया जायें।
इसी क्रम में बार कॉउन्सिल ऑफ उ०प्र० प्रयागराज के निर्देशन में समस्त अधिवक्ता एकजुट होकर उक्त संशोधन अधिनियम का पूरी क्षमता से विरोध करते हैं जिसे तुरंत वापिस लिया जायें। साथ ही बार कॉउन्सिल ऑफ उ०प्र० द्वारा दिया गया प्रत्यावेदन भी संलग्न किया जाता है। जिसको लेकर शुक्रवार को तहसील बार एसोशिएशन महरौनी द्वारा माननीय राष्ट्रपति को सम्बोधित उपजिलाधिकारी महरौनी को ज्ञापन सौंपा गया!
ज्ञापन में बार संघ अध्यक्ष बलराम शरण खरे एड0, अधिवक्ता मुकेश कुमार दीक्षित, संजीव कुमार दुबे,विजय कुमार अहिरवार, लक्ष्मी नारायण मिश्रा, ध्रुव दीक्षित, आशीष मोदी,रामपाल सिंह, शंकर सिंह सिकरवार, रामकरण कुशवाहा, नन्दकिशोर पाल, अमित कुमार श्रीवास्तव, सत्येंद्र कुमार झा, कुंदन सिंह, कैलाश नारायण तिवारी सहित अनेक अधिवक्तागण उपथित रहे!

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
#Timesnowbundelkhand

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