महरौनी,ललितपुर-
आर्यिका रत्न प्रशममति एवं आर्यिका उपशममति के सानिध्य में नववर्ष पर मूलनायक भगवान श्री अजितनाथ स्वामी का महामस्तकाभिषेक किया गया | जैन समाज के समस्त पुरुषों ने अभिषेक किया आर्यिका रत्न ने शांति धारा के मंत्रों का उच्चारण किया |प्रथम अभिषेक शांतिधारा करने का सौभाग्य सुनील अर्पित बड़कुल और डॉ राजकुमार सलिल अरविन्द पारौल परिवार को प्राप्त हुआ।
इस मौके पर आर्यिका रत्न ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा नया वर्ष नई चुनौती नया संकल्प नया उत्साह नई उम्मीद नई रोशनी लेकर आता है कुछ लोग नया इतिहास रचने का संकल्प नए वर्ष पर लेते हैं नए वर्ष का स्वागत सभी लोग करते हैं |संतों की दृष्टि में प्रत्येक क्षण प्रत्येक दिन प्रत्येक माह नया वर्ष होता है अध्यात्म योगी प्रत्येक क्षण नई नई अनुभूति करते हैं इसलिए उनके जीवन में प्रत्येक क्षण नया वर्ष होता है,नया अनुभव समय पर नहीं चैतनआत्मा आत्मा पर आधारित है । उन्होंने कहा कि संत ही जीवन में सच्चे पथ-प्रदर्शक है वह अपनी अमृतवाणी से आपको जीवन जीने की कला सिखाते हैं।संत का सानिध्य आपको मनोविकार से बचाता है उनके बचनों से जीवन मे सुख शांति और समृद्धि आती है।
वहीं मुनिपुगंव श्री सुधा सागर द्वारा सृजित श्री यशोदय तीर्थ में वार्षिक अखंड भक्तामर पाठ का आयोजन किया गया जो 31 दिसम्बर की सुबह प्रारंभ होकर 1 जनवरी की सुबह तक चला , समापन पर भगवान जिनेन्द्र का अभिषेक पूजन किया गया और विधिवत हवन कर विश्वशांति की प्रार्थना की । कार्यक्रम को सफल बनाने में सकल समाज का योगदान रहा।
पत्रकार रामजी तिवारी मडावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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