जयंतीधर्म

तीर्थकर महावीर जन्म कल्याणक शुभ अवसर पर, ——————— सबकी पीर लगे अपनी सी..

सबकी पीर लगे अपनी सी..
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इंजी. अरुण कुमार जैन

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सत्य, अहिंसा के उद्घोषक,
मन करुणा,नेह, प्रेम व धीर,
प्राणी मात्र की सेवा ही व्रत,
बतलाया प्रभु श्री महावीर.
क्यों न सीखा हमने प्रभु जो,
तुमने हमको बतलाया?
युद्ध,क्रोध,वैमनस्य विंधे हम
अखिल विश्व है थार्राया.
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रूस, युक्रेन में युद्ध छिड़ा है,
भाई -भाई को मार रहा,
सुरभित से उद्यान जहाँ थे,
मरघट डेरा डाल रहा.
हमास, इजरायल बम दागते,
करते मानव नर संहार,
माँ, बेटी, अबोध न छोड़े,
बीमारों पर अत्याचार.
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मणिपुर मेरा देश जल रहा, आत्मीयता लोप वहाँ?
भारत माँ के बच्चे हैं सब,
भाव न जाने कहाँ गया!
पूजास्थल में जिहाद है, करो पड़ोसी नर संहार,
जिसने दिया सतत संरक्षण,
उसकी हत्या करते आज!
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बांग्लादेश में हिन्दू भाई, बहिना मारे जाते हैं!
अपनी भूमि पर अपनों से, ये दुःख वेदना पाते हैं!
अफगानिस्तान, बलूचिस्तान में, मानवता नित रोती है!
करुणा, ममता छली गयी,
अत्याचार की तूती है?
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प्रभु तुमने उद्घोष किया था,
माना हर जन, मन ने था.
पुनः आज हम विनती करते, आओ भू पर जगत पिता.
अस्त्र, शस्त्र हों बंद विश्व में,
नेह, प्रेम, करुणा आये,
सबकी पीर लगे अपनी सी,
यही भाव हर मन आये.
सृजन,प्रीति, सहयोग परस्पर प्राणी मात्र के बीच रहे,
महावीर प्रभु जी कृपा करो,
अब हर मन की पीर मिटे.
धरा, गगन, सागर हर मन में, निर्मल, पावन नीर बहे.
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संपर्क//अमृता हॉस्पिटल, सेक्टर 88,फ़रीदाबाद, हरियाणा, मो:7999469175

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
#Timesnowbundelkhand

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