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● ललितपुर गौरव दिवस ● बच्चे बोले- “हमाओ ललितपुर,सबसे अच्छो” ● आओं मिलकर खुशियाँ मनायें,जनपद का स्थापना दिवस मनायें ● बच्चों ने कहा -दीप जलाकर व केक काटकर जन्मदिन की तरह मनायेंगे,जनपद का स्थापना दिवस

(ललितपुर) 01 मार्च को जनपद के स्थापना दिवस के 50 वर्ष पूर्ण होने पर 51 वां स्थापना दिवस विविध आयोजनों के साथ आयोजित किए जा रहा हैं।ललितपुर गौरव दिवस कार्यक्रम को लेकर बच्चों में भी उत्साह देखा जा रहा है।बच्चों ने कहा कि हमने लालित्य नगरी में जन्म लेकर अपने आप को धन्य समझा है।बच्चों ने कहा कि “हमाओ ललितपुर,सबसे अच्छो”।

01-छात्रा आभा सिंह का कहना है कि जनपद की कला,संस्कृति और ललितपुर के लालित्य को जागरूक करने वाले कार्यक्रम आयोजित हों ताकि जनपद की शिक्षा, बेरोजगारी एवं पिछड़ापन दूर हो सके और जनपद की विरासत को संभालने के कार्यक्रम आयोजित कर भावी पीढ़ी को जागरूक किया जा सके।जिससे जनपद के वैभव को समझा जा सके।

02- छात्रा नित्या चौरसिया ने कहा कि जनपद के स्थापना के 51 वर्ष पूर्ण होने पर हमारा जनपद विकास के पद पर तेजी से अग्रसर है।मेडिकल कॉलेज,रोडवेज डिपो के साथ हवाई अड्डा और बल्क ड्रग फार्मा पार्क विकास में मुख्य रोल अदा करने की ओर अग्रसर है। इससे रोजगार की संभावनाएं प्रबल होंगी।

03- छात्रा पूजा कुशवाहा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर ऐतिहासिक मामलों में ललितपुर जिले की अलग पृष्ठभूमि रही है।मध्य-प्रदेश के चारों ओर से घिरे उत्तर प्रदेश का सबसे सुदूर अंचल में स्थापित ललितपुर ग्रामीण नगर के रूप में स्थापित हो गया।लेकिन ग्रामीण आबादी को देखते हुए जनपद विकास की कतार में चल रहा है।लेकिन रोजगार के क्षेत्र में जनपद अभी काफी पिछड़ा हुआ है उद्योग धंधों को स्थापित करके जनपद की बेरोजगारी को दूर किया जाना चाहिए।

04- छात्रा मुस्कान प्रजापति का कहना है कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में ललितपुर जिले का अपना अलग महत्व है।अतः इसके ऐतिहासिक,धार्मिक,
सांस्कृतिक महत्व को जन जन तक पहुंचाने के लिए ललितपुर गौरव दिवस के माध्यम से युवा पीढ़ी को यहां के अधिकारी, कर्मचारी व जनसेवक जनपद की पुरातत्व पर्यटन की बहुमूल्य धरोहर को सहेजने के लिए जागरूकता कार्यक्रम के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

05-छात्र अंशुमान शर्मा ने कहा कि 01 मार्च को जनपद के स्थापना दिवस पर आयोजित हो रहे ललितपुर गौरव दिवस के कार्यक्रमों में लोगों को जनपद की पुरातत्व और पर्यटन संपदा से भली भांति परिचित कराया जाए। जनपद के इतिहास,
,कला,संस्कृति को जाने और समझें। आने वाले दिनों में जनपद के विकास की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए विशेष जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रयास किया जाए क्योंकि बेरोजगारी दूर करने के लिए सामाजिक विकास करने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है।

06- छात्र देवांश जैन का कहना कि देवगढ़ स्थित दशावतार मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर की वास्तुकला काफी खूबसूरत है। पहले इस मंदिर को उत्तर भारत के पंचयत्‍न मंदिर के नाम से जाना जाता था। पहाड के ऊपर 41 जैन मंदिर है। इन मंदिरों में सबसे सुंदर मंदिर जैन तीर्थंकर शांतिनाथ का मंदिर है।भगवान शांतिनाथ की छत्रछाया इस क्षेत्र पर बनी हुई है। यह जनपद वासियों को गौरव की बात है।

07- छात्र संजय झां का कहना है कि ललितपुर जिला 1891 से 1974 तक झांसी जिले का हिस्सा बना रहा। ललितपुर को वर्ष 1974 में एक जिले के रूप में बनाया गया जो बुंदेलखंड क्षेत्र का न केवल हृदयस्थल बल्कि हृदय के आकार का जिला भी है। जिसे मानचित्र में देखा जा सकता है।

08- छात्र वैदिक जैन का कहना है कि उत्तर
प्रदेश के सुदूर अंचल में बसे जनपद ललितपुर को ही बांधों का जिला कहा जाता है।जनपद में सर्वाधिक बांध होने के कारण ललितपुर की सम्पूर्ण प्रदेश में अलग पहचान बनी हुई है।जनपद के लिए यह सौभाग्य की बात है।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times now bundelkhand

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