प्रशासनिकललितपुर

*किसानों के हित में ऐतिहासिक निर्णय, गेहूं की उपज का नहीं कराना होगा सत्यापन : एडीएम*

*सत्यापन के विभिन्न चरणों से किसानों को मिली मुक्ति, अब तत्काल बेच सकेंगे अपनी उपज*

*गेहूं क्रय नीति के अनुसार पहले 100 कुं0 तक सीमा थी सत्यापन से मुक्त*

ललितपुर। *अपर जिलाधिकारी वि./रा./जिला खरीद अधिकारी अंकुर श्रीवास्तव ने जनपद के कृषकों को सूचित किया है कि आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग उ०प्र० ने कृषकों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत अब 100 कुं0 से ऊपर की सभी मात्रा को सत्यापन से मुक्त कर दिया गया है। इससे पहले गेहूं क्रय नीति के अनुसार 100 कुं0 तक सीमा को ही सत्यापन से मुक्त रखा जाता था।*
उन्होंने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत जारी गेहूं क्रय नीति के अंतर्गत 100 कुं0 तक सीमा सत्यापन से मुक्त है, फिर भी विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूचना के अनुसार 100 कुं0 से ऊपर भी पंजीकृत कृषक के सत्यापन में विभिन्न कारणों से विलंब होने के कारण कृषकों को गेहूँ विक्रय में असुविधा हो रही है। कृषकों से सीधे गेहूँ क्रय में, सत्यापन में विलम्ब के कारण आ रही असुविधा के दृष्टिगत उपरोक्त प्राविधानो के तहत शासकीय हित में दिनांक 15.05.2025 तक या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) 100 कुं0 से ऊपर की भी सभी मात्रा को सत्यापन से मुक्त किया गया है, इससे किसानों को लाभ मिलेगा और वे अविलंब विक्रय कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि सत्यापन से मुक्ति सभी श्रेणियों पर लागू होगी। सत्यापन से मुक्त होने के कारण पंजीकरण हेतु उपलब्ध करायी गयी समस्त सूचनाओं की सत्यता का उत्तरदायित्व सम्बन्धित पंजीकृत कृषक का होगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि क्रय नीति में 300 प्रतिशत की सीमा तक विक्रय की अनुमति प्रदान की गयी है, जिससे जनपदों की उत्पादकता में असमानता अथवा अभिलेखों में त्रुटि आदि की स्थिति में कृषकों को असुविधा न हो। इस सुविधा का भी लाभ कृषकों को उपलब्ध कराया जाये।
गेहूं कार्य नीति के अंतर्गत “कृषक पंजीकरण की प्रक्रिया का निर्धारण एवं इस हेतु प्राप्त होने वाले डाटा के प्रयोग तथा राजस्व विभाग द्वारा सत्यापन एवं सत्यापन की सीमा में छूट आदि के सम्बन्ध में आयुक्त, खाद्य तथा रसद विभाग, उत्तर प्रदेश आवश्यकता अनुसार निर्णय ले सकेंगे।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
#Timesnowbundelkhand

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