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● टीईटी के विरोध में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन श्रम एवं सेवायोजन मंत्री एवं उपजिलाधिकारी को सौंपा- ● परिषदीय शिक्षकों को टीईटी परीक्षा से रखा जाए दूर- विनोद निरंजन ● श्रममंत्री के आवास पर शिक्षक,शिक्षिकाओं ने दिया धरना ● शिक्षक,शिक्षिकाओं ने लगाये नारे -टीईटी का काला कानून वापिस लो

(ललितपुर) उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ
जनपद ललितपुर (संबद्ध -अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ,नई दिल्ली) के जिलाध्यक्ष विनोद निरंजन,जिलामंत्री शकुंतला कुशवाहा एवं जिला कोषाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी के सयुंक्त नेतृत्व में सैकडों की संख्या में शिक्षक,
शिक्षिकाओं ने उपजिलाधिकारी भूपेंद्र सिंह एवं
श्रम सेवायोजन मंत्री मनोहर लाल पंथ को
टीईटी के विरोध में माननीय प्रधानमंत्री,केंद्रीय शिक्षा मंत्री,मुख्यमंत्री,शिक्षामंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन के पूर्व शिक्षक,शिक्षिकाओं ने वाइक रैली निकालते हुए माननीय मंत्री के आवास पर पहुंचे वहाँ धरना दिया।नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन सौंपते हुए जिलाध्यक्ष विनोद निरंजन ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 01 सितम्बर 2025 को दिए गए निर्णय के क्रम में देश के सेवारत शिक्षक,शिक्षिकाओं के लिए टीईटी अनिर्वाय किए जाने पर उक्त आदेश को मानवीय दृष्टि के आधार पर निरस्त किए जाने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अपील एंव आपके माध्यम से देश के शिक्षक,शिक्षिकाओं के भविष्य एवं सेवा को सुरक्षित किए जाने के हित में सरकार द्वारा शिक्षक,शिक्षिकाओं के हित में हस्तक्षेप कर उनके भविष्य को सुरक्षित किए जाने हेतु ज्ञापन सौपते हुए मांग रखी कि वर्ष 2011 के पूर्व में चयनित शिक्षक,शिक्षिकाओं को टीईटी परीक्षा से दूर रखा जाए।इस दौरान उन्होंने बताया कि आल इण्डिया प्राईमरी टीचर्स फेडरेशन (अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ) जो कि देश के लाखों प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षक,शिक्षिकाओं का प्रतिनिधित्व दशकों से करता आ रहा है।वर्तमान में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 01 सितंबर 2025 को लिए गए निर्णय में कहा गया है कि देश के सभी सेवारत प्राथमिक शिक्षक,शिक्षिकाओं को सेवा में बने रहने और पदोन्नति पात्र होने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। जिसमें मात्र 05 वर्ष की सेवा शेष रहने वाले शिक्षक,शिक्षिकाओं को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण होने की छूट प्रदान की गई है,लेकिन उन्हें भी पदोन्नति हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है।माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश के सेवारत शिक्षक,
शिक्षिकाओं को दो वर्ष में टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य करते हुए कहा गया कि जो शिक्षक,
शिक्षिकांए दो वर्ष में टीईटी उत्तीर्ण नहीं होगें ऐसे शिक्षक,शिक्षिकाओं को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाए, जो कि देश के लाखों शिक्षक,
शिक्षिकाओं के मानवीय हित दृष्टिकोण से उचित प्रतीत नहीं होता है। वहीं बिना टीईटी किए हुए सेवानिवृत्ति के करीब पहुंचने वाले और पांच वर्ष से अधिक सेवा शेष रहने वाले शिक्षक,
शिक्षिकाओं के बीच अंतर किया गया है।फिर भी यह वर्गीकरण उन लाखों शिक्षक,शिक्षिकाओं को दंडित करेगा जिन्हें नियुक्ति के समय कभी यह नहीं बताया गया कि भविष्य में टीईटी पात्रता परीक्षा भी अनिवार्य की जाएगी।इस फैसले से देश के शिक्षक समुदाय में अपनी सेवा को लेकर गंभीर दहशत और मानसिक परेशानी एवं अन्याय की गहरी भावना उत्पन्न हो गई है। वहीं विशेष रूप से उन शिक्षक,शिक्षिकाओं में जो
2011 में टीईटी की शुरूआत से पहले वैध और योग्यता आधारित भर्ती प्रक्रियाओं के माध्यम से नियुक्त किए गए हैं।जिलामंत्री शकुंतला कुशवाहा ने कहा कि देश के लाखों शिक्षक,शिक्षिकाओं ने कठिन परिस्थितियों में भी देश के भविष्य को सजाने और संवाराने में वर्षों तक बेदाग अपनी सेवा दी हैं और कई कक्षाओं का पठन-पाठन कराते हुए देश में बेहतर शिक्षण परिणाम सुनिश्चित किए हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अब शिक्षक,शिक्षिकाओं को एक नई योग्यता परीक्षा के माध्यम से उनके शैक्षणिक गुणवत्ता को आंकना और समय से पहले सेवानिवृत्ति या पदोन्नति से वंचित कर देना शिक्षक समाज के लिए बेहद चिंताजनक व अनुचित है।इस दौरान जिलाध्यक्ष विनोद निरंजन,जिलामंत्री शकुंतला कुशवाहा,अनिल त्रिपाठी, प्रशांत राजपूत, सत्येंद्र जैन, इंदर सिंह पटेल, परशुराम निरंजन, हरिनारायण चौबे, विनय रजक, हरिश्चन्द्र नामदेव, संजीव तडैया, रामसेवक निरंजन, राम मिलन रजक, राजीव कुमार गुप्ता, मनीष खरे, परिवेश मालवीय, बलि हुसेन, दीप्तिरानी गुप्ता, नीलम ताम्रकार, राजेश निरंजन, स्वदेश भूषण, दयाशंकर रजक, नीलम ताम्रकार, नीलम गुप्ता, रामेश्वर प्रसाद, शिवा सिंह, अवधेश कुशवाहा, जितेंद्र जैन, आदर्श रावत, विकास सिंघई, सुरेश निरंजन, संतोष वर्मा, अविनेश कुमार, महेश निरंजन, रमाकांत चोरसिया,अंकित जैन कृष्ण गोपाल मालवीय, संदीप नामदेव, सचिन निरंजन,दीपेंद्र पुरोहित,
मुकेश कुशवाहा मोहम्मद जमशेद, अरविंद सिंह, संदीप निरंजन, इंद्रपाल निरंजन,राजीव बजिज,पुष्पेंद्र जैन,अपूर्व जैन,रविंद्र सिंह, दिवाकर शुक्ला, मुकेश कुशवाहा, योगेंद्र यादव, जवाहर सिंह, दीपेंद्र पुरोहित, सुनील कौशिक, अरविंद राजपूत, अंकित जैन, अविनेश कुमार, राजेश वर्मा, राकेश शर्मा, अमित निरंजन, अमित जैन अंतिम जैन,अरविंद सिंह, विनय कुमार, प्रेम नारायण, हिमांशु पटेल, वसंतलाल, राजेश निरंजन शिव शंकर सोनी, दीपक गुप्ता, सुनील जैन, दीपक जैन, जितेंद्र जैन, अमन जैन, दीपक सिंघई, रमाकांत चौरसिया, रामराजा निरंजन, महेश निरंजन, अंतिम जैन, कीर्ति शुक्ला, महेश सोनी, अंकित कुमार, पुष्पा वर्मा, सुनील निरंजन, यशवंत सिंह, शिव शंकर सिंह मोहम्मद जमशेद दामोदर प्रसाद, रामेश्वर पाल, श्यामलाल त्रिवेदी, संजय कुशवाहा, राजेश झा, संतोष प्रसाद अमित जैन, मथुरादास सौरभ चौरसिया, अरविंद निरंजन , विजय कुमार, बालचंद्र, भानसिंह,प्रियंका गुप्ता, अनामिका सिंह, अनामिका, दीप्ति अग्रवाल, अंजना नामदेव, कल्पना श्रीवास संध्या जैन, पुष्पेंद्र निरंजन, नेपाल सिंह,पुष्पेंद्र निरंजन, राघवेंद्र सिंह सहित सैकड़ो शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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