सही की शिक्षा से ही मानवीयता संभव….. राजेश बहुगुणा, जीवन विद्या प्रबोधक ऋषिकेश

ललितपुर के बचपन प्ले स्कूल में जीवन विद्या परिचय शिविर का प्रथम दिन आज गहराई से सोचने और स्वयं को समझने की एक नई शुरुआत बना। श्री ए. नागराज जी के मध्यस्थ दर्शन पर आधारित इस शिविर में इंसान की मूल आवश्यकताओं, संबंधों, और आत्मिक समृद्धि पर सारगर्भित चर्चा की गई। शिविर के प्रबोधक राजेश बहुगुणा (ऋषिकेश) ने बताया कि आज के युग में हम जितना साधनों और सुविधाओं को इकट्ठा कर रहे हैं, उतना ही प्रेम, विश्वास और सम्मान जैसे मानवीय मूल्यों से दूर होते जा रहे हैं। मनुष्य केवल जिन्दा रहने के लिए नहीं बना, बल्कि उसे सुखपूर्वक जीने की समझ चाहिए, और यह समझ आती है भावनाओं के सही ज्ञान और संबंधों की स्पष्टता से। भोजन, वस्त्र और आवास जैसी भौतिक आवश्यकताएं निश्चित हैं, लेकिन प्रेम, विश्वास, सम्मान और समझ जैसी भावनात्मक आवश्यकताएं असीमित हैं और इनकी पूर्ति ही सच्चा सुख है। यही मानव जीवन का सार है – जब व्यक्ति अपने विचार और व्यवहार को सकारात्मक बनाता है, तभी वह सच्ची समृद्धि को प्राप्त करता है। इस शिविर में चर्चा हुई कि आज की शिक्षा केवल सूचनाएं देती है, लेकिन जीवन जीने की समझ नहीं देती; हम अंतरिक्ष तक पहुँच गए हैं लेकिन स्वयं के भीतर की शांति खो बैठे हैं; सुविधाएं बढ़ीं, लेकिन संबंध टूटते गए; विकास हुआ, लेकिन प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया। ऐसे समय में यह शिविर जीवन की सच्ची दिशा दिखाने का कार्य कर रहा है। इस आयोजन में स्वप्निल बरया, बलजीत सलूजा, विवेक चोपरा, कैलाश अगरवाल और डॉ. सौरभ देवलिया का सराहनीय सहयोग रहा, जिनकी भावना और परिश्रम से यह विचार ललितपुर की जनता तक पहुँच पा रहे है। शिविर का आज का यह प्रथम दिवस अत्यंत प्रभावशाली रहा, और आगामी चार दिनों तक यह आयोजन ललितपुरवासियों को जीवन की सही समझ की ओर प्रेरित करता रहेगा।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times Now Bundelkhand