*20 दिवसीय हैंडीक्राफ्ट व पेंटिंग कार्यशाला संपन्न, प्रतिभागियों ने दिखाई रचनात्मकता*

**ललितपुर।** माँ सरस्वती के मुख्य आतिथ्य में समाजसेवी संस्था ग्लोबल एमपावरमेंट टीम मिशन बेटियां के तत्वावधान में “मिशन बेटियाँ” कार्यालय पर जिलाध्यक्ष संयोजका श्रीमती उर्वशी साहू के दिशा निर्देशन में आयोजित 20 दिवसीय हैंडीक्राफ्ट व पेंटिंग कार्यशाला का समापन हुआ। कार्यशाला दौरान प्रतिभागियों ने सुंदर हस्तनिर्मित कलाकृतियाँ व चित्रकारी कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बेटियों को रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से सशक्त बनाना था। प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रकार की कलात्मक तकनीकें सीखीं, जिसमें हस्तशिल्प, पेंटिंग, डिजाइनिंग आदि शामिल थे। बताते चले की विगत 8 बर्षों से संस्था द्वारा निशुल्क कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है । इस बर्ष की कार्यशाला में जनपद की शिक्षक / शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया।
प्रतिभागियों ने कार्यशाला के दौरान आकर्षक हैंडीक्राफ्ट आइटम्स जैसे मौल्ड वर्क, गिलास वर्क, प्लास्टर of पैरस वर्क, वॉल हैंगिंग, तथा सुंदर पेंटिंग्स बनाईं। इन कृतियों में सामाजिक संदेश, प्रकृति चित्रण और सांस्कृतिक विरासत को उकेरा गया।
कार्यशाला के अंत में एक प्रदर्शनी आयोजित की गई, जहाँ प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर ग्लोबल एमपावरमेंट टीम के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला समय समय पर कार्यशाला को गति प्रदान की। कार्यशाला में आए प्रतिभागी शिक्षिका रूचि शर्मा, रेखा, संध्या, प्रीति परवार, तृप्ती त्रिवेदी, परी जैन, कप्तान सिंह, अनुराधा मोदी व रुद्रशिव ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यशाला में प्रतिभागियों के बीच नन्हे प्रतिभागी रुद्रशिव ने अपने कार्य से सभी मन मोह लिया उनके कार्य के प्रति उसकी लग्न को सराहा गया। समस्त प्रतिभागियों ने कार्यशाला में कलात्मक अभिव्यक्ति के गुर सिखे और उन्हें प्रोत्साहित हुए। समस्त प्रतिभागियों ने कहाँ की कार्यशाला में सीखे हुए कार्यों को अपने अपने स्कूल में बच्चों को भी सिखाएंगे “टीम मिशन बेटियाँ” की संयोजक उर्वशी साहू ने कहा, “यह कार्यशाला बेटियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम ऐसे और आयोजन सफ़ेव से करते आ रहे है और आगे भी करते रहेंगे।” समापन कार्यक्रम में मानव आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष एड. पुष्पेंद्र सिंह चौहान के कहा की दशपुत्रसमा कन्या दशपुत्रान्प्रवर्धयन्। यत्फलं लभते मर्त्यस्तल्लभ्यं कन्ययैकया॥” एक कन्या दस पुत्रों के समान होती है और एक कन्या का पालन-पोषण करने से जो फल मिलता है, वह दस पुत्रों के पालन-पोषण से भी अधिक होता है। उन्होंने कहा की यहाँ उपस्थिति सभी प्रतिभागी अपने अपने विद्यालय में बच्चों को प्रशिक्षण देंगें तो यह विधा निश्चित ही हज़ारो बच्चों तक जायेगी।
इस कार्यशाला से प्रतिभागियों ने न केवल कला के क्षेत्र में नए कौशल सीखे, बल्कि आत्मविश्वास भी हासिल किया। ग्लोबल एमपावरमेंट टीम मिशन बेटियां द्वारा ऐसे प्रयासों की सराहना की गई है, जो समाज में बेटियों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times Now Bundelkhand