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स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज ललितपुर में कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. सौरभ देवलिया द्वारा जनपद ललितपुर के कलेक्ट्रेट सभागार में एक विशेष स्वास्थ्य जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया

ललितपुर : स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज ललितपुर में कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. सौरभ देवलिया द्वारा जनपद ललितपुर के कलेक्ट्रेट सभागार में एक विशेष स्वास्थ्य जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद के सभी प्रमुख उच्चाधिकारी, विभागीय प्रतिनिधि, महिला व पुरुष कर्मचारी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम शासन की जनकल्याणकारी मंशा के अनुरूप आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य था—लोगों को गर्दन व कमर दर्द जैसी आम होती समस्याओं के प्रति वैज्ञानिक जानकारी देना तथा स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरित करना।
अपने व्याख्यान में डॉ. देवलिया ने बताया कि वर्तमान समय में लगभग 40% लोगों को गर्दन व कमर की तकलीफ हो रही है, जिसका प्रमुख कारण है—लगातार झुककर काम करना, मोबाइल का अत्यधिक उपयोग, जमीन से अधिक वजन उठाना, लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठे रहना, अधिक मुलायम गद्दे का प्रयोग, मानसिक तनाव, नींद की कमी, गलत पोस्चर, तथा खराब पाचन क्रिया। उन्होंने इससे बचाव हेतु पोस्चर कलेक्शन एक्सरसाइज’ पर विशेष बल दिया, जिनमें शोल्डर एलिवेशन, शोल्डर रिट्रैक्शन जैसी व्यायाम शामिल हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि पीठ या गर्दन में दर्द होने पर अचानक झुककर कोई कार्य न करें, भारी वजन न उठाएं, मोबाइल का सीमित प्रयोग करें, और यदि किसी पोजीशन में 30 मिनट से अधिक बैठे हैं तो 1 मिनट का चलना अनिवार्य है।
कार्यक्रम के दौरान एक महिला प्रतिभागी द्वारा एंजायटी व सर्वाइकल की आपसी संबंध पर प्रश्न पूछे जाने पर डॉ. देवलिया ने अत्यंत सहजता से उत्तर दिया कि जब हमारे भीतर असुरक्षा, अनियमित दिनचर्या, और चिंता रहती है, तब हम मानसिक रूप से भी पीड़ित होते हैं। ऐसे में सिर्फ दवाओं से नहीं, बल्कि आत्मपरिवर्तन से ही स्थायी राहत मिलती है। उन्होंने जीवन में कृतज्ञता के भाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि सोते समय हर व्यक्ति को यह सोचना चाहिए कि किनसे माफी मांगनी है, किनका धन्यवाद करना है—यह अभ्यास मानसिक शांति व गहरी नींद में सहायक होता हैl उन्होंने कहा कि व्यक्ति को 200 वर्ष नहीं, लगभग 90 वर्ष ही जीना है—इसलिए उसे रोकर नहीं, आनंदपूर्वक जीना चाहिए। अच्छे विचार, नियमित योग-प्राणायाम, भरपूर पानी, संतुलित भोजन और नींद के बिना स्वास्थ्य संभव नहीं है। उन्होंने तीन मैजिकल शब्द—धन्यवाद, सॉरी और प्लीज—के प्रभाव को भी विस्तार से समझाया, कि कैसे इनका प्रयोग रिश्तों को मजबूत करता है और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। खानपान के संबंध में उन्होंने बताया कि सलाद पहले, फिर सब्जी, फिर दाल और अंत में रोटी खानी चाहिए। प्रतिदिन 30 से 45 मिनट की वॉक अनिवार्य है। एक अन्य प्रतिभागी द्वारा व्यायाम व वॉक के परस्पर संबंध पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि दोनों का कार्य अलग है—एक्सरसाइज जोड़ों की स्ट्रेंथनिंग, स्ट्रेचिंग और कोऑर्डिनेशन के लिए होती है, जबकि वॉक इम्यूनिटी बढ़ाती है। उन्होंने यह भी बताया कि वजन को नियंत्रित रखने में 60% भूमिका डाइट की, 30% वॉक की और 10% अच्छी नींद की होती है।
मानसिक तनाव के विषय पर उन्होंने बड़ी संवेदनशीलता से चर्चा की और कहा कि आज हम बाहर हीरो बनना चाहते हैं लेकिन अपने घर में रिश्तों को संभाल नहीं पाते। सबसे पहले स्वयं में बदलाव जरूरी है, फिर परिवार और समाज में बदलाव संभव है।
इस व्याख्यान को अपर जिलाधिकारी श्री अंकुर श्रीवास्तव सहित सभी अधिकारियों ने अत्यंत सराहा तथा डॉ. सौरभ देवलिया को उनके अनुकरणीय योगदान के लिए प्रशस्तिपत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान जनहित में किए गए उत्तम स्वास्थ्य जागरूकता प्रयास का प्रतीक है।
कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे अधिकारीगण ने इस विचारशील व्याख्यान को प्रेरणादायी और उपयोगी बताते हुए भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की अपेक्षा की। यह आयोजन शासन की ‘स्वस्थ भारत’ की परिकल्पना की दिशा में जनपद ललितपुर द्वारा किया गया एक प्रभावशाली कदम सिद्ध हुआ।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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