उत्तर प्रदेशललितपुरसामाजिक संगठन

नव संवत 2082 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ( दिनांक 30 मार्च 2025 ) के अवसर पर संस्कार भारती ललितपुर इकाई के तत्वाधान में एक काव्य गोष्ठी संपन्न हुई।

ललितपुर : काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता श्री बृज मोहन संज्ञा ने एवं संचालन कवि महेश नामदेव ने किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अथितियों श्री प्रताप नारायण दीक्षित, बाबू गंधर्व सिंह लोधी (वरिष्ठ नेता बी.जे. पी.), कृष्णकांत सोनी पत्रकार एवं संस्था संस्कार भारती के अध्यक्ष बृज मोहन संज्ञा द्वारा विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण किया गया।
काव्य गोष्ठी में सर्व प्रथम कवि अखिलेश शांडिल्य ने अपने मधुर कंठ से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
गोष्ठी में निम्नलिखित कवियों ने काव्य पाठ किया।
रमेश पाठक (रविन्द्र), सुदेश सोनी, पुरषोत्तम नारायण पस्तोर, बालमुकुंद सोनी,महेश नामदेव,अखिलेश शांडिल्य, राजेश लिटोरिया (सूदे) ने कहा-” जी को जानों हाँथ पोंच रओ, वो उत्तई ज्यादा नोंच रओ, भर्ष्टाचार की लगा नसैनी, भारत मां खों खूब नोंच रओ।”
अरुण गोस्वामी ने पढ़ा -“रामधई खांय लेत मंहगाई, जिते लगत हैं बीस रूपैया उतै लगत ती पाई। ”
शीलचंद जैन शास्त्री ने पढ़ा -“आने वाले नव-संवत्सर! करना बस इतना उपकार ।
बेकारी-भय-भूख-व्याधि के ,लाना रामवाण उपचार ।” वीरेंद्र जैन विद्रोही ने पढ़ा -“चाबियां घर की बहू को, सास ने जब सौप दी, मालकिन थी जो कभी, वो नौकरानी हो गयी। ”
कवि के के पाठक ने गीत पढ़ते हुये कहा- “जप लो मैया मैया मैं सांसी कहों।”
आत्मा राम रिछारिया द्वारा अपना काव्य पाठ प्रस्तुत किया गया.
कार्यक्रम में श्री आलोक श्रीवास्तव, सर्वेश श्रीवास्तव आदि भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों,सभी कवि गणों एवं जनता जनार्दन का आभार बृजमोहन संज्ञा जी एवं के के पाठक द्वारा संयुक्त रूप से ज्ञापित किया गया।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
#Timesnowbundelkhand

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