● आओं मिलकर संकल्प करें,गौरैया का संरक्षण करें- ●रूठी गौरैया को मनाने बच्चों ने बनाये गौरैया घौंसले –

(ललितपुर)पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में पेड़-पौधे,वनस्पतियों,पशुओं के साथ-साथ पक्षियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।हानिकारक कीटाणुओं तथा जीवों का भक्षण करके वातावरण को स्वच्छ बनाने में पक्षी अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।परंतु बढ़ते प्रदूषण एवं शहरीकरण के कारण पक्षियों की संख्या निरंतर घटती जा रही है।शहरी क्षेत्रों में गौरैया की कमी ज्यादा देखी जा सकती है।जो प्रकृति एवं पर्यावरण दोनों के लिए चिंता का विषय है। परिणाम स्वरूप हमारा स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।गौरैया की कमी के प्रमुख कारण हैं कि 14 से 16 सेंटीमीटर लंबी यह चिड़िया मनुष्य द्वारा बनाए गए घरों में रहना ज्यादा पसंद करती है परंतु आधुनिक युग में बहुमंजिला इमारतों ने इनका घोंसला बनाने की जगह को छीन लिया है जिससे इनके रहने को अनुकूल जगह नहीं मिल पाती है।करुणा इंटरनेशनल ललितपुर एवं मडावरा केंद्र द्वारा गौरैया संरक्षण के लिए चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत आचार्य विद्यासागर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मडावरा,कंपोजिट विद्यालय डुलावन,पूर्व माध्यमिक विद्यालय टोडी,स्याद्वाद बाल संस्कार केंद्र ललितपुर,जय गुरुदेव विद्या मंदिर के बच्चों ने आकर्षक रंगों से सुसज्जित गौरैया घौंसले तैयार किए।विश्व गौरैया दिवस को लेकर बच्चे बहुत ही उत्साहित हैं और गौरैया घौंसलें बनाकर गौरैया संरक्षण को आगे आ रहे हैं।करूणा इंटरनेशनल के अध्यक्ष अक्षय अलया एवं संयोजक पुष्पेंद्र जैन बताते हैं करूणा क्लब प्रभारी आकांक्षा विश्वकर्मा,यशोदा के निर्देशन में विभिन्न विद्यालयों में बच्चे विश्व गौरैया दिवस को लेकर गौरैया संरक्षण को घौंसलें बना रहे हैं।संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय डुलावन की छात्रा रानी,क्रांति,मुस्कान,दुर्गेश,
राशि,खुशबू,रागिनी,शिवानी कुशवाहा के गौरैया घौंसले बनाकर उन्हें सुसज्जित किया।छात्र
हरिशंकर,दीपक,रवि कुशवाहा बताते हैं कि वह गौरैया घौंसलों को घर,विद्यालय,बालकनी में लगाकर गौरैया का संरक्षण करेंगे।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Timesnowbundelkhand.com