ललितपुर। दिगम्बर जैन मंदिर बाहुवलिनगर में धर्म सभा में आचार्यश्री ज्ञेयसागर महाराज की प्रभावक शिष्या आर्यिका प्रशम मति माताजी ने कहा कि दिगम्बरत्व में ही धर्म की पहिचान है। धर्म का मर्म बताते हुए उन्होने कहा जिन्होने दिशाओं को अम्बर बनाया वही दिगम्बर है। प्रभु पूजन अर्चन को श्रेयस्कर बताते हुए उन्होने कहा धर्म की क्रियाओं को समझो और अपने जीवन में उतारने पर ही आनंद की अनुभूति होगी। धर्मसभा में आर्यिका प्रशममति माता एवं आर्यिका उपशम मति माता जी संघ को मंदिर समिति पदाधिकारियों ने श्रीफल अर्पित कर शीतकालीन वाचना के लिए आग्रह किया। इसके पूर्व आर्यिका संघ के सानिध्य में ज्ञानोदय तीर्थ पर जैन पंचायत ने आर्यिका संघ की आगुवाई की। आर्यिका संघ के सानिध्य में पुण्र्याजक श्रावकों ने प्रभु अभिषेक शान्तिधारा का लाभ लिया। आर्यिका संघ गाजे बाजे के साथ विहार करते हुए निर्धारित मार्ग से जैन मंदिर बाहुवली नगर पहुचा श्रावकों ने मार्ग में पादप्रक्षालन कर आरती उतारी। आर्यिका संघ वाहुवलिनगर जैन मंदिर में विराजमान है जहां उनके सानिध्य में सुबह के प्रवचन एवं धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न होगे।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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