धर्मललितपुर

बारहवें स्थापना दिवस पर वरदानी भवन में हुआ आयोजन

ललितपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के टीआरडी कालोनी स्थित सेवा केन्द्र में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 12वां वार्षिक उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान सनातन धर्म की ध्वजा को थामे समाज का मार्गदर्शन कराने वाले महामंडलेश्वर संत महात्माओं का स्वागत राजयोगिनी बी.के.चित्ररेखा दीदी ने तिलक, मालार्पण, पुष्पों एवं शॉल पहनाकर किया। नन्ही कुमारियों ने नृत्यकला के द्वारा किया। राजयोगिनी दीदीजी ने परमात्म संदेश देते हुए कहा कि हम सभी एक परमपिता शिव परमात्मा की संतान है। इस मंच को सुशोभित कर रहे हमारे संत महात्मा जो विभिन्न स्थानों पर रहकर परमात्म सानिध्य से याद से त्याग, तपस्या और पवित्रता की शक्ति से इस संपूर्ण धरा को खुशी, सुख, शांति प्रदान करने के लिए आए है। आप सभी को समस्त ब्राह्मण परिवार की ओर से बधाई। जिसमें मुख्य अतिथि चंडीधाम पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर चंद्रेश्वरगिरी महाराज ने कहा कि आज हम सभी वरदानी भवन का 12वां वार्षिक उत्सव मना रहे है। जब भाग्य का सूर्योदय होता है। पुण्य कर्मों का फल फलीभूत होता है। तब हमें सत्कर्म, सत्संग में जाने का अवसर प्राप्त होता है। 12 वर्ष की अवधि में तपस्या पूर्ण होती है। कोई भी साधु संत महात्मा जब आराधना करते हैं या आप सभी भी किसी गुरु से दीक्षा लेते हैं। तो उसका भी समय काल कम से कम 12 वर्ष तक आराधना की जाती है। तब सिद्धि प्राप्त होती है। आज सभी चाहते हैं की आज मंत्र मिले और कल सिद्ध हो जाए। तो आज हम सभी यहां वरदानी भवन की 12वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। तो इस कार्यक्रम से यह सिद्ध हो रहा है। कि यह अपनी पूर्णता की ओर है। इसका नाम भी कितना सुंदर है वरदानी भवन वरदानों की बरसात करने वाला भवन। वृंदावन से आए हुए पूज्य ब्रजकिशोर महाराज ने कहा कि परमपिता परमात्मा एक ही है। लेकिन उनकी शाखाएं अनेक है। उस निराकार तक पहुंचने के लिए साकार को माध्यम बनाया। महाकाली मंदिर झांसी से आए हुए पूज्य त्यागी महाराज ने कहा कि इस संस्था में परमपिता शिव परमात्मा ने बहनों को निमित्त बनाया है। जिन्हें शिव शक्तियों के रूप में दिखाया गया है। यह संस्था सभी धर्मों को जोडऩे का कार्य कर रही है। आदि सनातन देवी देवता धर्म की स्थापना कर रही है। कंचनधाम आश्रम से पधारे हुए पूज्य सूर्यप्रकाशदास महंत ने भी वरदानी भवन को शुभकामनाएं दी। बलराम महंत (कुआंतला), सीताराम शरण महाराज (चंदेरी), अमझरा घाटी के साधु संत महात्मा एवं विशेष अनेक स्थान से भी आए हुए साधु संत महात्माओं ने भी सभी को वरदानी भवन की 12वीं वर्षगांठ की अनंत शुभकामनाएं दी। राजयोगिनी बीके सरोज दीदीजी (बीना) एवं खुरई सेवाकेंद्र से आई हुई राजयोगिनी बीके किरन दीदी ने भी अपने आशीष वचन शुभकामनाओं के साथ विद्यालय का परिचय दिया। मंच संचालिका राजयोगिनी मायारानी दीदी ने इस विद्यालय की शिक्षाओं से अवगत कराते हुए कहा कि यह विद्यालय जीवन जीने की कला सिखाता है। परमपिता शिव परमात्मा ने परमपिता, परम शिक्षक, परम सद्गुरु के रूप में हम सभी का दृष्टिकोण को बदल दिया है। अंत में बीके विद्यासागर भाई ने सभी संत महात्मा एवं वरदानी भवन में आभार व्यक्त किया। अंत में दीदीजी ने सभी को इस विद्यालय का लक्ष्य श्रीलक्ष्मी नारायण का चित्र, श्रीफल ईश्वरीय सौगात दी। कार्यक्रम में बीके किरन दीदी (चंदेरी), गीता बहन, प्रीति बहन, रूबी बहन, प्रियंका बहन, निशा बहन, पूजा बहन, शिवानी बहन, सुनीता बहन, ज्योति सिंह बहन, याशिका, माही, मंजरी, तपस्वी, महक, पत्रकार बंधु सुधीर त्रिपाठी, कृष्णकांत सोनी, राहुल जैन नवभारत, हबीब खाँ, मंजीत सिंह सलूजा, संजय ताम्रकार एवं अनेक भाई-बहन उपस्थित रहे।

पत्रकार रामजी तिवारी (मडावरा)
संपादक टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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