ललितपुर में शिक्षा की नई पहल, ड्रॉपआउट बच्चों के प्रवेश हेतु जिलाधिकारी का अभिनव शिक्षा अभियान

डीएम ने प्रत्येक ड्रॉपआउट बच्चों को शैक्षिक संस्थानों में शत-प्रतिशत प्रवेश दिलाने के लिए अधिकारियों को ब्लॉक स्तर पर नोडल व सह नोडल बनाया
बालिकाओं को शिक्षित व आत्मनिर्भर बनाकर बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करना है विजन : डीएम
प्रवेश में आ रही कठिनाईयों को दूर करेंगे जिलाधिकारी, घर-घर शिक्षा की अलग जगाने डीएम ने शुरु की नई पहल
विगत 3 वर्षों में पढ़ाई छोड़ चुकी बालिकाओं के चिन्हांकन हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर हो रहा सर्वे
क्षेत्रीय कर्मचारी, स्वयं सेवी संगठन एवं गांव के प्रबुद्धजन घर-घर जाकर बतायेंगे शिक्षा का महत्व
ड्रॉप आउट बालिकाओं को विद्यालय में मिलेगा दाखिला, कौशल प्रशिक्षण और कन्या सुमंगला योजना का लाभ : डीएम
ललितपुर।
बुन्देलखण्ड शिक्षा के क्षेत्र में ललितपुर जैसी शैक्षिक रुप से पिछड़े जनपद में अब एक नई आशा का संचार हो रहा है, जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के नेतृत्व में जिले में कक्षा 8 पास कर पढ़ाई छोड़ने वाले ड्रॉपआउट बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए एक अभिनव और प्रभावी पहल की गई है, जो न केवल समाज में शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाएगी, बल्कि जिले में बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त कर सामाजिक व आर्थिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होगी। इस अभियान के अंतर्गत कक्षा 8 उत्तीर्ण करने के पश्चात किसी कारणवश विद्यालय छोड़ चुके बच्चों को चिन्हित कर उन्हें पुनः विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा इस अभियान की निगरानी स्वयं की जा रही है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रुप से कहा है कि जब तक ललितपुर का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित है तब तक वास्तवितक विकास अधूरा है, हमें न केवल विद्यालयों की दीवारे खड़ी करनी हैं, बल्कि बच्चों के सपनो की नीभ को भी मजबूत बनाना है। इस विचार को व्यापक रुप देने के लिए उनके द्वारा अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रणनीति बनायी जा रही है, इसी क्रम में जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने ब्लाक नोडल अधिकारी, सह-नोडल अधिकारियों व समाजसेवी संस्थाओं के साथ कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक की।
बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक ने अवगत कराया कि शासन द्वारा जनपद में वर्ष 2024-25 में कक्षा-8 में अध्ययनरत रहे सभी बच्चों का शत-प्रतिशत प्रवेश सुनिश्चित कराने के लिए 01 अप्रैल, 2025 से 15 अप्रैल, 2025 तक विशेष नामांकन अभियान संचालित कराया गया, पाया गया कि 20 मई, 2025 तक मात्र 50 प्रतिशत बच्चों के द्वारा ही कक्षा-9 में प्रवेश लिया गया जो काफी कम है। प्रवेश नहीं लेने की इसी प्रकार की प्रवृत्ति से ही कक्षा-8 पास बच्चों का सर्वाधिक ड्राप आउट होता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायतवार सर्वे कराये जाने से यह परिलक्षित हुआ है कि विगत 03 वर्षों 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में काफी बालिकाओं द्वारा कक्षा-8 उत्तीर्ण के उपरान्त कक्षा-9 में प्रवेश नहीं लिया गया है।
उक्त स्थिति के दृष्टिगत जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने जनपद के बालक/बालिकाओं को कक्षा-9 में शत-प्रतिशत नामांकित कराने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी ब्लाक नोडल अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारियों को सह-नोडल अधिकारी के रूप में लगाते हुए निर्देशित किया है कि नामित ब्लाक नोडल अधिकारी अपने अधीनस्थ सह-नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रत्येक बच्चे का कक्षा-9 में प्रवेश कराना सुनिश्चित कराने के लिए एक कार्ययोजना/माइक्रोप्लान तैयार करेंगे तथा तैयार की गयी कार्ययोजना की साप्ताहिक समीक्षा करके जिला विकास अधिकारी एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से मुझे अवगत करायेंगें।
वर्ष 2024-25 में कक्षा-8 में अध्ययनरत रहे सभी विद्यालयों (बेसिक परिषदीय, बेसिक मान्यता प्राप्त, माध्यमिक राजकीय, अशासकीय एवं वित्तविहीन) के बच्चों की सूची निर्धारित प्रारूप पर सम्बन्धित विकास खण्ड के खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा नामित ब्लाक नोडल को उपलब्ध करायी जायेगी तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा कराये गए सर्वे में विगत 03 वर्षों में पढ़ाई छोड़ चुकी कक्षा-8 उत्तीर्ण बालिकाओं की सूची ग्राम पंचायतवार सम्बन्धित विकास खण्ड की बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा प्राप्त करायी जायेगी। सूचियां प्राप्त करने के बाद अभी तक प्रवेश नहीं लेने वाले तथा विगत वर्षों में पढ़ाई छोड़ चुकी बालिकाओं के शत-प्रतिशत प्रवेश कक्षा-9 में निकटतम माध्यमिक विद्यालय में करवायेंगे। इसी के साथ-साथ उक्त बच्चों के प्रवेश कराने में आने वाली कठिनाईयों का विवरण तैयार कर जिला विकास अधिकारी एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से जिलाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे, जिसके आधार पर प्रवेश में आने वाली कठिनाईयों का निवारण जनपद स्तर पर कराया जायेगा।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि नोडल अधिकारी/सह नोडल अधिकारी अपने स्तर पर बैठक कर गांव स्तर पर प्रत्येक गांव/मरजों में सरकारी/गैरसरकारी/सामाजिक कार्यों में सक्रिय प्रबुद्धजनों की टोली बनाकर इस शिक्षा अभियान को सफल बनाने व शत-प्रतिशत विद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए घर-घर जाकर लोगों जागरुक कर शिक्षा के महत्व को बतायेंगे।
गांव की बालिकाओं को कौशल प्रशिक्षण दिलाकर स्वावलम्बी बनाना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनें और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराईयों से बच सकें। साथ ही ऐसी ड्रॉपआउट बच्चियों को सुमंगला योजना के अंतर्गत विभिन्न चरणों में मिलने वाली धनराशि से लाभान्वित भी किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी के सर्वे में पाया गया कि जनपद की कुल 415 ग्राम पंचायतों में से अब तक 195 ग्राम पंचायतों का सर्वे पूर्ण किया जा चुका है, शेष सर्वे जारी है, जिसमें 1620 किशोरी बालिकाएं ऐसी पायी गई हैं, जो किन्ही कारणों से स्कूल नहीं जा पा रही हैं, उन कारणों को दूर करते हुए उन्हें विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा या फिर कौशल प्रशिक्षण के माध्मय से उन्हें आत्मनिर्भर बनाराया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान, जिला विकास अधिकारी अतिरंजन सिंह, उपायुक्त मनरेगा रमेश कुमार यादव, परियोजना निदेशक डीआरडीए दीपक यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रणवीर सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी उमेश मिश्रा, जिला सूचना अधिकारी डीएस दयाल, जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार भारती, जिला प्रोबेशन अधिकारी नन्दलाल सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी नीरज सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी संजय श्रीवास्तव सहित खण्ड शिक्षा अधिकारी व स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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