
महरौनी,ललितपुर।
दशलक्षण महापर्व के समापन अवसर पर रविवार को नगर में धर्म, भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस अवसर पर भगवान जिनेन्द्र की भव्य विमान शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें नगर के श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
शोभायात्रा श्री अजितनाथ बड़ा जैन मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए श्री यशोदय तीर्थ तक पहुँची। मार्ग में घर-घर भगवान जिनेन्द्र की आरती हुई, जिससे पूरा नगर भक्ति के भावों से सराबोर हो उठा। शोभायात्रा के दौरान जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई और भक्तों ने जयघोष करते हुए यात्रा का स्वागत किया।
इस भव्य शोभायात्रा में मुनिश्री गुरूदत्त सागर और मुनिश्री मेघदत्त सागर अपनी उपस्थिति से सभी को धर्मानंद प्रदान कर रहे थे। शोभायात्रा के प्रारंभ में श्रद्धालुओं ने मुनिश्री का पादप्रक्षालन कर पुण्यलाभ प्राप्त किया। यात्रा के दौरान भक्ति संगीत की धुनों पर युवा और बच्चे नृत्य करते रहे, वहीं बालिकाओं ने डांडिया नृत्य प्रस्तुत कर शोभायात्रा को और भी मनमोहक बना दिया।
अभिषेक-पूजन और क्षमावाणी पर्व का आयोजन
श्री यशोदय तीर्थ पहुँचने पर भगवान जिनेन्द्र का अभिषेक और पूजन विधिवत रूप से संपन्न हुआ। इसी अवसर पर क्षमावाणी पर्व भी बड़े भावपूर्ण माहौल में मनाया गया।
अपने प्रवचन में मुनिश्री गुरूदत्त सागर एवं मुनिश्री मेघदत्त सागर ने क्षमा के महत्व को समझाते हुए कहा कि –
“क्षमावाणी का अर्थ केवल दूसरों की गलतियों को माफ करना नहीं है, बल्कि अपने मन को शुद्ध करना और आत्मा को निर्मल बनाना ही सच्ची क्षमा है। जब हृदय में क्षमा का भाव जागृत होता है, तब द्वेष और क्रोध की दीवारें स्वयं ही टूट जाती हैं और जीवन में परमात्मा का प्रकाश उतरता है।”
ध्वजारोहण और पुण्यलाभ
आयोजन के दौरान ध्वजारोहण का सौभाग्य राजा चौधरी और संतोष सराफ (इंदौर) को प्राप्त हुआ। वहीं भगवान का अभिषेक करने का पुण्य आनंद सराफ, ऋषभ कठरया, अरविंद मलैया, प्रशांत सिंघई वंटी, डॉ. राजकुमार पारौल, हेमंत सिंघई, शिखर सिलौनया और राजू मलैया आदि को मिला। पूरे आयोजन में नगर के श्रद्धालु, बच्चे और युवा बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times now bundelkhand
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