
महरौनी,ललितपर।
श्री अजितनाथ बड़ा जैन मंदिर में दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व का समापन ब्रह्मचर्य धर्म के साथ श्रद्धा और भक्तिमय वातावरण में हुआ। दस दिनों तक चले पर्व के दौरान प्रतिदिन पूजन, सामूहिक प्रतिक्रमण और प्रवचनों का आयोजन हुआ।
समापन अवसर पर मुनिश्री गुरूदत्तसागर व मुनिश्री मेघदत्तसागर जी ने प्रवचन देते हुए दस धर्मों के महत्व पर प्रकाश डाला और उन्हें आत्मा की शुद्धि का मार्ग बताया। सांध्यकाल में जलविहार शोभायात्रा निकाली गई, जिसका समापन बड़े जैन मंदिर में भगवान जिनेन्द्र के अभिषेक और शांतिधारा के साथ हुआ। पांडुशिला स्थापना का सौभाग्य ऋषभ कठरया, कोमल जैन, राजेश पाय व नीलेश सराफ को मिला। शांतिधारा सुनील गढोली, अंकित चौधरी और राहुल जैन सागर द्वारा की गई। चमर ढुलाने का सौभाग्य राहुल जैन, आनंद सराफ को और महाआरती का अवसर अंगूरी लौडुआ व अशोक पाय को प्राप्त हुआ।
क्षमा बाणी और सामूहिक संकल्प के साथ पर्व का समापन हुआ, जिसमें अहिंसा, संयम, सत्य और सदाचार को जीवन में अपनाने का संदेश दिया गया।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times now bundelkhand
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