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संयम की आराधना ही जीवन की श्रेष्ठ साधना-विनम्र सागर 0-पर्यूषण पर्व में आचार्य श्री ने कहा संयम से ही जीवन में शान्ति की अनुभूति 0-सुगंध दशमी पर जैन मंदिरों में श्रावक- श्राविकाओं ने की धूप विसर्जित

ललितपुर। संयमी व्यक्ति का जीवन संयत और निर्मल बताते हुए वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर महाराज ने कहा संयम की आराधना ही जीवन की श्रेष्ठ साधना है जिसके बंधन में बंधा मनुष्य का जीवन परोपकारी और शान्ति के सागर को प्राप्त करता है। पार्श्वनाथ जैन अटा मंदिर में संयम धर्म पर आचार्य श्री ने कहा जीवन में उच्च विचारों से परिपूर्ण होकर चलने बोलने, खाने पीने, उठने बैठने आदि क्रियाओं को शिष्टाचारपूर्वक करने का नाम संयम है। संयम व्यक्ति को बंदनीय पूज्यनीय और बंधनों से मुक्त करा देता है। संयमी मांगलिक होता है उसका दर्शन मात्र भी अमंगल को मंगल में बदल देता है।

धर्म सभा का शुभारम्भ श्रेष्ठीजनों ने आचार्य श्री विद्यासागर महाराज,आचार्य अभिनंदनसागर महाराज, आचार्य विपुल सागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर इण्डियन मेडीकल एसोसियेशन के अध्यक्ष डा० राजकुमार जैन एवं जैन पंचायत अध्यक्ष डा० अक्षय टड़या ने संयुक्त रूप से किया। प्रारम्भ में तत्वार्यसूत्र का वाचन आचार्य संघ के सानिध्य में हुआ। प्रातःकाल आचार्य श्री के सानिध्य में सामायिक प्रतिक्रमण ध्यान श्रावकों द्वारा किया गया जिसमें ध्यानपूर्वक सिद्धों की भक्ति एवं तीर्थक्षेत्र की भावपूर्ण वंदना की हुई।श्रेष्ठजनों ने आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन किया। प्रारम्भ में तत्वार्थसूत्र का वाचन आचार्य संघ के सानिध्य में हुआ। अभिनंदनोदय तीर्थ में मुनि सुदत्त सागर महाराज एवं मुनि पदमदत्त सागर महाराज के सानिध्य में श्रावकों ने पर्वराज पर्युषण पर्व पर प्रभु अभिषेक शान्तिधारा की इस दौरान उन्होंने कहा जीवन को व्यवस्थित करने के लिए अपनी मन वचन काय की कियाओं को संयमित करना आवश्यक है। संयम को आत्मा का गुण बताते हुए उन्होने कहा वर्तमान में मनुष्य इन्द्रियों के वशीभूत होकर न जाने कितने काम कर अपने आपको अशान्त कर रहा है जबकि इन्द्रियों पर अंकुश लगाकर यह अपने जीवन को आनंदित बना सकता है। धर्म सभा का संचालन महामंत्री आकाश जैन ने किया।

आज सुगंध दशमी पर्व श्रावक श्राविकाओं ने व्रत उपवास रखा। नगर के प्रमुख मंदिर अभिनंदनोदय तीर्थ, जैन अटामदिर, आदिनाथ बड़ा मंदिर,पार्श्वनाथ नया मंदिर, आदिनाथ मंदिर गांधीनगर, चन्द्रप्रभु मंदिर डोडाघाट, शान्तिनगर मंदिर गांधीनगर इलाइट जैन मंदिर, सिविल लाइन, वाहुवलिनगर पार्श्वनाथ कालौनी एम्ब्रोशिया कालौनी में पहुंसकर भूपविसर्जित की
इस दौरान वालक-वालिका अपने मण्डल दवारा धार्मिक झांकियां सुसज्जित की जो आकर्षण का केन्द्र रहीजिन्हें धर्मालुजनो ने प्रोत्साहित किया। आदिनाथ मंदिर गांधीनगर में भगवान शान्तिनाध विधान में श्रवकों ने भक्तिपूर्वक कर अर्घ समर्पित किए। सायंकाल आरती के उपरान्त जैन अटानंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए ब्रहमच्चारिणी लवली दीदी ने कहा संयम द्वारा व्यक्ति जीवन में त्याग की ओर आगे पढ़ता है। संयम साधना के लिए साधू संगति को श्रेयस्कर बताते हुए उन्होने कहा दिगम्बर साधू संत संयम त्याग और तपस्या की साक्षात मूर्ति है उनकी साधना को देखकर हम जीवन में संयम धारण कर अपना जीवन आनंदित बना सकते हैं। सायकाल अभिनंदनोदय तीर्थ में पाठशाला परिवार द्वारा भक्तिनृत्य की प्रस्तुति हुई जबकि नयामंदिर पाठशाला द्वारा धार्मिक क्रिकेट प्रतियोगिता में बच्चों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। पार्श्वनाथ जैन अंटामंदिर में नीली श्राविका मण्डल द्वारा मों की ममता नाटिका का मंचन किया गया किसको उपस्थित जनसमुदाय ने सराहा।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times now bundelkhand

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