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जीवन में पाप कार्यों से बचना ही आर्जव धर्म -आचार्य निर्भय सागर जैन मंदिरों में पर्यूषण पर्व पर पूजन अभिषेक कर आस्था जता रहे श्रद्धालु

ललितपुर। जीवन में अपेक्षा रहे और काम न हो मायाचारी पैदा होती है माया इसलिए होती है कि अपेक्षा पूरी हो। जब व्यक्ति योग्यता से रहित होता है तब जुगाड़ लगानी पड़ती है। धर्म कायों में अपनी शक्ति को न तो छिपाना और न ही पाप कार्यों में लगना तभी आपकी जिन्दगी में आर्जव धर्म आएगा। उक्त विचार जैन पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अटा मंदिर में पर्यूषण पर्व पर आचार्य श्री निर्भयसागर महाराज ने आर्जव धर्म पर व्यक्त किए। आचार्य श्री ने कहा भगवान की भक्ति में कभी अपनी शक्ति नहीं छिपाना चाहिए यदि हमें नहाने की ताकत है तो अभिषेक करने में कोताही नहीं करनी चाहिए, पूजन की भावना होनी चाहिए। यदि पाप से डरे और पुन्य कायों में अग्रणी हो तो यकीनन संसार में आर्जव धर्म का विस्तार दिखाई देने लगेगा और संसार के समस्त जीव सुखी हो जाएगे। हम जैसा है वैसा नजर आए ता मायाचारी नहीं होती हमें मायाचारी से बचना चाहिए।

धर्म सभा को मुनि शिवदत्त सागर महाराज नै सम्बोधित करते हुए बताया माया संसार का भ्रम है संसार में जैसा होते हैं जैसा दिखना नहीं चाहते तभी मायाचारी का सहारा लेना पडता है जिसदिन हम जैसा है वैसा दिखेगे मायाचारी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। धर्म सभा के प्रारम्भ में तत्वार्थ सूत्र का वाचन आचार्य संघ के सानिध्य में हुआ। अभिनंदनोदय तीर्थ में मुनि सुदत्त सागर महाराज एवं मुनि पदमदत्त सागर महाराज के सानिध्य में श्रावकों ने पर्वराज पर्यूषण पर्व पर प्रभू अभिषेक शान्ति धारा की। इस दौरान उन्होंने आर्जव धर्म को समझाते हुए कहा माया संसार का भ्रम है संसार में जैसा होते हैं वैसा दिखना नहीं चाहते तभी मायाचारी का सहारा लेना पड़ता है जिसदिन हम जैसा है वैसा विखेगे मायाचारी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। मध्यान्ह में तत्वार्थ सूत्र को आचार्य श्री ने श्रावकों को अपने चिन्तन द्वारा समझाया।

नगर के सभी जैन मंदिर आदिनाथ बड़ा मंदिर, चन्द्रप्रभु मंदिर डोडाघाट, शान्तिनगर मंदिर गांधीनगर इलाइट जैन मंदिर, सिविल लाइन जैन मंदिर में पहुंचकर श्रावकों ने प्रभु की पूजन अर्चन कर धर्मलाभ लिया। सायंकाल आरती के उपरान्त जैन अटामंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए ब्रहमचारिणी लवली दीदी ने कहा कि पुरुषार्थ के अनुसार गति मिलेगी क्षल कपट कर कहां जाएगे मायाचारी से बचें जीवन यात्रा में लक्ष्य बनाना होगा तभी कल्याण है। सायंकाल जैन मंदिरों में आरती शास्त्र प्रवचन के उपरान्त बच्चों द्वारा रोचक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हो रही है जिसको उपस्थित धर्मालु श्रोताओं द्वारा सराहा जा रहा है

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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