जीवन में अहंकार नहीं सरलता जरूरी -आचार्य निर्भय सागर जैन मंदिरों में पर्यूषण पर्व पर धार्मिक प्रतियोगिताओं को लेकर उत्साह

ललितपुर। दूसरों की बुराई नहीं अपने को देखने में ही धर्म है। विश्वास को मन को समझने की इच्छा आ गई तो समझो धर्म समझने की बुद्धि आ गई यही मार्दव धर्म है। अपने जीवन को ऐसा बनाए कि कोई दो बातें कहकर हल्का हो जाए। उक्त विचार जैन पार्श्वनाथ दि० जैन अटा मंदिर में पर्युषण पर्व पर मार्दव धर्म का विवेचन करते हुए आचार्य श्री निर्भयसागर महाराज ने किए। आचार्यश्री ने कहा जब कोई तुम्हारे जीवन में आंसू पोछने आ जाए किसी के सहयोग करने वह जब आ जाए तो समझ लेना मार्दव धर्म प्रकट हो गया। मुनि श्री ने भारतीय संस्कृति परम्परा का जिक्र करते हुए कहा हमारी परम्परा है हम नहीं के चरणों में झुकते हैं तो हमारे यहां झुकने के पहले ही झुकने वाले को अपना लें और अपनी छाती से लगा ले। धर्म सभा को मुनि शिवदत्त सामर महाराज ने सम्बोधित करते हुए बताया मार्दव धर्म अहंकार छोड़ने की प्रेरणा देता है जिसको अपनाने में ही जीवन का कल्याण है।
धर्म सभा के प्रारम्भ में तत्वार्थसूत्र का वाचन आचार्य संघ के सानिध्य में वालिका भव्या, पाखी, पलक जैन द्वारा किया गया। मध्यान्ह में ताचार्थ सुत्र को आचार्य श्री में श्रावकों को समझा। जैन धर्मालुओं ने पर्युषण पर्व नगर में प्रातकाल जैन मंदिरों में पूजन अर्चन विधान और श्री जी के अभिषेक शान्तिधारा कर श्रावक पुण्यार्जन कर रहे है। नगर के जैन अतिशय क्षेत्र अभिनंदनोदय तीर्थ में मुनि सुदत्त सागर एवं पद्मदत्त सागर महाराज, वाहुवलि नगर में मुनि वृषभदत्त सागर महाराज एवं क्षुल्लक चन्द्रदत्त सागर महाराज ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए मार्दव धर्म को व्यवहारिक रूप से समझाते हुए जीवन में धारण करने के लिए श्रावकों को प्रेरित किया। नगर के सभी जैन मंदिर आदिनाथ बड़ा मंदिर, चन्द्रप्रभु मंदिर डोडाघाट, शान्तिनगर मंदिर गांधीनगर, इलाइट जैन मंदिर, सिविल लाइन जैन मंदिर में पहुंचकर श्रावकों ने प्रभु की पूजन अर्चना कर धर्मलाभ लिया। सायंकाल आरती के उपरान्त जैन अटामंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए ब्रहमचारिणी लवली दीदी ने कहा कि जीवन मे बिनम्र भाव से पेश आए सब प्राणियों के प्रति मैत्री भाव रखें क्योंकि सभी प्राणियों को जीवन जीने का अधिकार है और यह सृष्टि का नियम है कि वहां दूसरों का आदर करने वाला व्यक्ति ही आदर पाता है। अभिनंदनोदय तीर्थ पर पाठशाला परिवार के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यकम भक्ति नृत्य, जैन अटामंदिर में साधू वैद्यावृत्ति महिला मण्डल द्वारा एक मिनिट प्रतियोगिता, पार्श्वनाथ जैन नया मंदिर में चन्द्रप्रभु समिति द्वारा कौन बनेगा शिरोमणि प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें विजेता प्रतिभागियों को पुरुष्कृत किया। जैन पंचायत अध्यक्ष डॉ० अक्षय टडया ने बताया कि इन दिनों वैज्ञानिक सन्त आचार्य श्री निर्भयसागर महाराज ससंघ के नगर में चातुर्मास होने से नगर के मंदिरों में पर्युषण पर्व पर प्रवचनों के माध्यम से दस धर्मों की अपूर्व प्रभावना हो ही रही है जिनको सम्पन्न कराने में महामंत्री आकाश जैन के नेतृत्व में नगर की स्वयंसेवी संस्थाओं के अतिरिक्त दिगम्बर जैन पंचायत के पदाधिकारी सक्रिय भूमिका का निर्वाहन कर रहे हैं।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times now bundelkhand
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