**धन्य होती है वह नगरी जहां मुनिराज आते हैं* रक्षाबंधन पर 700 मुनि राज पर आए कष्ट को प्रवचन के माध्यम से दूर कराया ……सोम्य सागर महा मुनिराज

टीकमगढ़ शहर के हृदय स्थली 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन बाजार मंदिर में सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा श्रमण मुनि 108 सोम्य सागर महामुनि राज एवं मुनि 108 जैयत सागर जी महामुनि राज का चतुर्मास चल रहा है
धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जनता ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर के सभी 18 जैन मंदिर में 1008 श्रेयांशनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया एवं बाजार जैन मंदिर में इसी कार्यक्रम के साथ मुनि श्री सोम्य सागर जी के प्रवचन हुए उन्होंने कहा कि धन्य है वह नगरी जहां मुनिराज आते हैं उन्होंने कहा कि आज व वात्सल का पर्व है जैन समाज को मात्र 4 माह मुनियों की सेवा करनी पड़ती है जबकि हम विहार करते हैं तो 8 माह सभी समाज के लोग हमारे धर्म मार्ग में सहयोग करते हैं उन्होंने सफाई कर्मचारी का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे धर्म मार्ग में सफाई कर्मी का भी विशेष सहयोग रहता है अगर सड़क पर कोई जीव जंतु मरा पड़ा है तो उस दिन मुनि महाराज के आहार नहीं होते सफाई कर्मचारी ही सफाई करता है ताकि महाराज जी का अंतराय न हो महाराज श्री ने 700 मुनियों पर आए कष्ट निवारण के लिए यह त्योहार मनाया जाता है कष्ट कैसे दूर हो इस पर विस्तार पूर्वक समझाया उन्होंने कहा कि गुरु की दृष्टि दूर दृष्टि होती है वह बोले की ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोई औरन को शीतल करें आपही शीतल हो ऐसी जगह बैठिए कोई ना कहे उठ और ऐसी भाषा बोलिए कोई ना कहे चुप अपनी भाषा को हमेशा संभाल के रखो कोई आपसे चुप की बात ना कहे धर्म है तो आप हैं आप हैं तो धर्म उन्होंने कहा कि अपना मार्ग ऐसा बनाओ कि सौधर्म इंद्र बनकर 170 तीर्थंकर का पंचकल्याण करने का सौभाग्य प्राप्त हो सके
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times now bundelkhand
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