टीकमगढ़धर्ममध्यप्रदेश

*चातुर्मास की करो तैयारी आ रहे हैं रत्नत्रयधारी*

टीकमगढ़ आचार्य १०८ श्री विशुद्ध सागर जी
महाराज के ससंग से
मुनि श्री १०८ सौम्य सागर जी
मुनि १०८श्री जयेन्द सागर जी
उपसंग का चातुर्मास टीकमगढ़ *शहर के बाजार जैन मंदिर* में होगा
धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जनता ने जानकारी देते हुए बताया
महाराज जी का पैदल बिहार इंदौर से टीकमगढ़ ओर चल रहा है
*दिनांक,20.6.25 को टीकमगढ़ से कई बसों और कारों में सवार होकर जैन समाज हजारों की संख्या में मातायें ,बहने ,और पुरुष ललितपुर* *पहुंचेगे वहां श्रीफल भेंट करेगे
दिनांक* 23.6.25 को टीकमगढ़ शहर में *ऐतिहासिक अगवानी होगी* ऐसा ही दिशा और संकेत प्राप्त हुए हैं
जनता जी ने बताया की जैन धर्म में चातुर्मास का एक महत्वपूर्ण समय होता है इस समय जैन साधु एक ही स्थान पर रहकर कर तप ,साधना ,और धर्म ध्यान करते हैं यह समय अहिंसा और आत्म संयम के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि वर्षा ऋतु में सूक्ष्म जीव बहुत होते हैं जिससे मनुष्य के अधिक चलने फिरने से उन्हें नुकसान होता है यह वर्षा ऋतु के चार महीने का परव होता है
यह पर्व 6 जुलाई 2025 से प्रारंभ होकर 1 नवंबर 20 25 को समाप्त होगा इसलिए जैन मुनि एक स्थान पर रहकर अपना आत्म कल्याण करते हैं यह सौभाग्य शहर टीकमगढ़ में 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन बाजार मंदिर को प्राप्त हुआ है मुनि संघ के निमित्त से समाज भी अपना आत्म कल्याण करती है जियो और जीने दो के मार्ग पर चल कर सभी जीव समान है मेरे द्वारा किसी भी जीव को कष्ट ना हो यह भावना से यह चातुर्मास पर्व सभी मनाते हैं

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times now bundelkhand

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