धर्ममडावराललितपुर

ब्र. राकेश जी मड़ावरा बने क्षुल्लक विप्रज्ञसागर महाराज मुनि श्री सुप्रभसागर जी ने गुरु आज्ञा एवं निर्देशन में प्रथम क्षुल्लक दीक्षा प्रदान की श्रावक की उत्कृष्ट दशा है क्षुल्लक दीक्षा : आचार्य श्री विशुद्धसागर

ललितपुर । मड़ावरा कस्बा निवासी ब्र. राकेश जैन चौधरी को भव्य क्षुल्लक दीक्षा पट्टाचार्य 108 विशुद्धसागर जी महाराज के निर्देशन में मुनि श्री सुप्रभसागर जी ने इंदौर में भव्य दीक्षा समारोह में प्रदान की। विशाल संघ के सान्निध्य में प्रथमबार श्रमणरत्न सुप्रभसागर जी महाराज ने इंदौर में भव्य दीक्षा दी। इस मौके पर अनेक आचार्य एवं विशाल संघ का सान्निध्य रहा।
उत्कर्ष समूह भारत (मुनि श्री सुप्रभसागर जी की प्रेरणा से स्थापित) के निर्देशक डॉ. सुनील संचय ने बताया कि राकेश चाचा श्रमणाचार्य 108 विशुद्धसागर जी महाराज की आज्ञा एवं निर्देशन से 2019 से मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज संघ में साधनारत थे। अब उन्हीं के कर कमलों से दीक्षा सम्पन्न हुई है जिससे मड़ावरा जैन समाज में भारी हर्ष है, नगर से एक और गौरव जुड़ गया है।
दीक्षा विधि के मंत्रोच्चार गुरुवर पट्टाचार्य श्री विशुद्धसागर जी के श्रीमुख से निःसृत हुए।
दीक्षा पूर्व मंगल चौक पूरण ब्र. राकेश जी की गृहस्थावस्था की बहुएं श्रीमती प्रतीक्षा, श्रीमती प्रीति जैन के साथ ब्र. सुरभि दीदी ने पूर्ण की।
आचार्य, उपाध्याय, गणिनी, मुनि, आर्यिका, क्षुल्लक-क्षुल्लिका आदि चतुर्विध संघ के सान्निध्य में दीक्षा सम्पन्न हुई।
इस मौके पर परम पूज्य पट्टाचार्य श्री विशुद्धसागर जी ने कहा कि मां जैसी ममता और पिता जैसा दुलार जहाँ एक साथ मिले, उसका नाम गुरु है।
दीक्षार्थी को सम्बोधन देते हुए आचार्यश्री ने कहा कि श्रावक की उत्कृष्ट दशा है यह क्षुल्लक दीक्षा जिसमें श्रावक परिग्रह त्याग, अनुमति त्याग, उद्दिष्ट भोजन त्याग रूप ग्यारह प्रतिमाओं को धारण करता है। शिष्य को गुरु आज्ञा प्रमाण होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि जैसे व्यक्ति को नाती-पोते की प्राप्ति होने पर खुशी होती है वैसे ही गुरु को प्रशिष्य की प्राप्ति पर खुशी होती है।
मुनि श्री सुप्रभसागर जी ने इस अवसर पर कहा कि गुरु की उदारता का ही परिणाम है जो गुरु आज्ञा एवं निर्देशन में यह दीक्षा सम्पन्न हो रही है। जैसे आचार्य श्री ज्ञानसागर जी , आचार्य श्री विरागसागर जी ने स्वसाक्षी में अपने शिष्य को वृद्धिमान किया था वैसे ही आचार्य श्री विशुद्धसागर जी ने उदारता का महान उदाहरण प्रस्तुत किया है।
धर्म के माता- पिता बनने का सौभाग्य धर्मचंद जैन, श्रीमती नरेंद्र कुमारी (सौंरई ) वालों को प्राप्त हुआ है। दीक्षा स्थल बास्केटबॉल सभागृह इंदौर में भव्य दीक्षा सम्पन्न हुई जिसमें भारत के विभिन्न स्थानों से श्रद्धालुओं के साथ ही मड़ावरा नगर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए।
उल्लेखनीय है कि ब्र. राकेश जी मड़ावरा शुरू से ही धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। 12 वर्षों तक अतिशय क्षेत्र गिरार जी के महामंत्री रहे हैं।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times now bundelkhand

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