*भारत रत्न प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर हुई गोष्ठी*
महरौनी-ललितपुर –
स्व0 रविंद्रान्द बडौनियां महाविद्यालय महरौनी में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जयंती के उपलक्ष्य में महाविद्यालय सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय प्राचार्य डॉ0के.के. सिंह द्वारा भारत रत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पार्चन कर छात्र -छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद सादगी, सरलता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति थे। डॉ राजेंद्र प्रसाद 1946 भारतीय यूनियन के पहले कृषि मंत्री बने उसके बाद 26जनवरी1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने, वे दो बार भारत के निर्वाचित राष्ट्रपति रहे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर ने वर्ष 2024 के 3 दिसंबर को डॉ राजेंद्र प्रसाद के सम्मान में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस मनाने का फैसला किया। इसके पूर्व यह दिवस 2016 में मनाया गया था।
इसी क्रम में हरिहर मोहन तिवारी ने कहा डॉ राजेंद्र प्रसाद आधुनिक भारत के प्रमुख निर्माताओं में से एक थे। वह एक अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात विधिवेत्ता, वाक्पटु सांसद, सुयोग प्रशासक, श्रेष्ठ राजनेता होने के साथ-साथ महान मानवतावादी थे।महात्मा गांधी के अनुयायी होने के साथ-साथ वह भारतीय संस्कृति की सभी उत्तम विशेषताओं से युक्त थे। इसी क्रम में छात्रों को संबोधित करने में महाविद्यालय के प्राध्यापक दयाराम झां, गौरव पटेरिया ,हरिराम गौतम ,आरिफ अली ,अभिषेक रावत ,अर्पित राजा, भगवान दास ,भरत चढार, शिवम सोनी, प्रियंका श्रीवास्तव ,कपिल राजपूत उपस्थित रहे।
पत्रकार रामजी तिवारी मडावरा
संपादक टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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