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प्रतिबंधित लकड़ी का परिवहन कर रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त पकड़े गये दो लोगों के खिलाफ की पुलिस ने दर्ज की एफआईआर वन विभाग की भौतिक निरीक्षण की आख्या उपरान्त हुयी कार्यवाही

ललितपुर। जखौरा क्षेत्र से बिना नम्बर के ट्रैक्टर-ट्रॉली से व्यवसायिक परिवहन करते हुये प्रतिबंधित लकडिय़ां ले जा रहे दो अभियुक्तों को पकडऩे में नेहरू नगर चौकी पुलिस ने महत्वपूर्ण सफलता हांसिल की है। पकड़े गये दोनों अभियुक्तों के खिलाफ उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम व इमराती लकड़ी और अन्य उपज अभिवहन नियमावली के तहत एफआईआर दर्ज की गयी है तो वहीं बरामद ट्रैक्टर-ट्रॉली मोटर वाहन अधिनियम की सुसंगत धाराओं में सीज किया गया है। इस कार्यवाही के बाद से प्रतिबंधित लकडिय़ों का अवैध कटान व परिवहन करने वालों में हड़कम्प मचा है।
बीती दो दिसम्बर को जिले में आयीं केन्द्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के वीवीआईपी कार्यक्रम को लेकर सिलगन फाटक के पास भ्रमण कर रहे नेहरू नगर चौकी इंचार्ज अंकित कौशिक अपने साथ आरक्षी योगेन्द्र कुमार व करण प्रताप के साथ मौजूद थे। इसी बीच दैलवारा की ओर से एक नीले रंग का ट्रैक्टर न्यू हॉलैण्ड आता हुआ दिखायी पड़ा। ट्रैक्टर पर नम्बर अंकित न होने के चलते उसे रोकते हुये जांच-पड़ताल की गयी तो पाया कि ट्रैक्टर की ट्रॉली में पीले तिरपाल से लकडिय़ां ढ़क कर ले जायी जा रहीं थीं। ट्रैक्टर व ट्रॉली में लदी लकडिय़ों के वैद्य प्रपत्र मांगने पर ट्रैक्टर सवार लोग प्रपत्र नहीं दिखा सके। मौके पर ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ ग्राम दैलवारा निवासी रामसिंह कुशवाहा पुत्र कल्लू व जयप्रकाश अहिरवार पुत्र दयालीराम अहिरवार को पुलिस ने पकड़ लिया। दोनों अभियुक्तों ने बताया कि वह किसानों से पेड़ खरीदकर उसे काटकर ले जाते हैं और उसे बेच देते हैं, यही ठेकेदारी करते हैं। सोमवार को दोनों जखौरा के पास से बबूल और महुआ की लकड़ी कटवाकर ललितपुर बेचने जा रहे थे। ट्रैक्टर का इंजन नम्बर 88069 बताया गया। तदोपरान्त ट्रैक्टर- ट्रॉली को लदी हुयी लकड़ी के साथ कोतवाली लाया गया, जहां से वन विभाग को अवगत कराते हुये लकड़ी का भौतिक सत्यापन कराया गया। वन विभाग की टीम ने कोतवाली पहुंच कर जब जांच की तो ट्रॉली में चिलविल, देशी बबूल, बहेडा और महुआ की लकड़ी होना पायी गयी। बताया कि महुआ प्रजाति की लकड़ी वन का पातन व अभिवहन के लिए डीएफओ से अनुज्ञा पत्र लिया गया। वन विभाग द्वारा आख्या भी तैयार की गयी।
इन धाराओं में दर्ज की गयी एफआईआर
उप निरीक्षक अंकित कौशिक की तहरीर पर ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ पकड़े गये रामसिंह कुशवाहा व जयप्रकाश अहिरवार के खिलाफ उत्तर प्रदेश ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों में वृक्षों का संरक्षण अधिनियम 1976 की धारा 4/10 और उत्तर प्रदेश ट्रांजिट ऑफ टिम्बर एण्ड अदर फॉरेस्ट प्रोड्यूस रूल्स 1978 की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गयी, जबकि बरामद हुये ट्रैक्टर व ट्रॉली को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177, 192, 196 व 207 के तहत सीज कर दिया गया।
कृषि कार्य के लिए नहीं, बिल्डिंग मटेरियल ढ़ो रहीं हैं ट्रैक्टर-ट्रॉली
पुलिस ने एफआईआर में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि कृषि कार्य हेतु पंजीकृत टै्रक्टर को वाहन मालिक व चालक उपरोक्त के द्वारा व्यवसायिक रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके सम्बन्ध में एआरटीओ को पृथक से रिपोर्ट पे्रषित की जा रही है। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि इस वाक्य अनुसार ललितपुर में कितने ट्रैक्टर-ट्रॉली हैं, जो कि कृषि कार्य कर रहे हैं। शहर में तो काफी हद तक ट्रैक्टर-ट्रॉली को बिल्डिंग मटेरियल और अन्य सामानों की ढुलायी के लिए ही उपयोग किया जा रहा है।

पत्रकार रामजी तिवारी मडावरा
संपादक टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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