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● पक्षियों का संरक्षण करके प्रकृति को बनायें खुशहाल- ● भीषण गर्मी में बच्चों ने लगाये जलपात्र

(ललितपुर)गर्मी के मौसम में पशु और पक्षी दोनों ही प्यास से व्याकुल हो उठते हैं। उन बेसहारा पशु-पक्षियों का सहारा बच्चे बन रहे हैं। बच्चों को बताया गया कि गर्मियों में घर या बाग- बगीचे में पक्षियों को दाना-पानी जरूर रखें जिससे प्यास के कारण पक्षियों के कंठ न सूख पायें। करुणा इंटरनेशनल से जागरूक होकर बच्चे पक्षियों के संरक्षण को आगे आ रहे हैं और गौरैया घौंसले के साथ जलपात्र लगाकर
पक्षियों के संरक्षण को आगे आ रहे हैं।आचार्य विद्यासागर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मडावरा,स्याद्वाद बाल संस्कार केंद्र के बच्चों ने विद्यालय की वाटिका में गौरैया घौंसले व जलपात्र लगाये।छात्र समर ने बताया कि उसने घर के बगीचे में गौरैया घौंसला लगाया है जिसमें गौरैया आकर बसेरा करने लगी है।छात्र निखिल ने बताया कि घर की छत पर जलपात्रों को रखा है जिससे गौरैया के अलावा तोता,गिलहरी,कौआ छत पर आकर पानी को पीकर प्यास को बुझाये।अभिराज ने बताया कि मैंने घर के पास में बने बगीचे में गौरैया घौंसलें लगाकर जलपात्रों को भी रखा है जिसमें पक्षी आकर पानी पीते हैं उनकी आवाज बहुत ही मनमोहक लगती है।
छात्र पार्थ,अर्थ,जयहिन्द,नीलेश,आयुष यादव ने विद्यालय की वाटिका में जलपात्र लगाकर भीषण गर्मी में पक्षियों के कंठ न सूख पाये इसी उद्देश्य को लेकर बच्चों ने जलपात्र लगाये। करुणा इंटरनेशनल के संयोजक पुष्पेंद्र जैन बताते हैं कि भारतीय जीवजंतु कल्याण बोर्ड से मान्य संस्था करुणा इंटरनेशनल चेन्नई पर्यावरण संरक्षण एवं जीवदया को समर्पित है।संस्था से जुडकर बच्चे करूणा व जीवदया के कार्यों को कर रहे हैं। संस्था का मुख्य उद्देश्य बच्चों में मानवीय गुणों के साथ बच्चों के मन में पर्यावरण संरक्षण,जीवदया व करुणा की भावना को जागृत करना है।जिससे बच्चे करूणा व दयावान बनें।देशभर के लगभग तीन हजार विद्यालयों में संचालित करूणा क्लबों के माध्यम से बच्चे पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि बच्चों को पक्षियों के संरक्षण हेतु घरों,बाग-बगीचों में पानी पीने हेतु जलपात्रों को रखने की सलाह दी जा रही है।जिससे बच्चे इस भीषण गर्मी में पक्षियों के संरक्षण में सहारा बन रहे हैं।
● बच्चों का कहना है●

01- छात्र दीपक कुशवाहा का कहना है कि इस भीषण गर्मी में प्यासे पक्षी परेशान न हों, इसलिए मिट्टी के बर्तन में पानी और दाना घर के बगीचे में जगह-जगह पेड़ पर टांग रहे हैं।

02-रश्मि पाल का कहना है कि पर्यावरण और प्राकृतिक संतुलन के लिए भी पक्षियों को दाना-पानी देना न सिर्फ मानवता का काम है, बल्कि यह पर्यावरण और प्राकृतिक संतुलन के लिए भी जरूरी है।

03-छात्र रवि का कहना है गर्मी में पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करना महत्वपूर्ण है।क्योंकि तेज गर्मी में पानी की कमी से उन्हें परेशानी होती है। पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए घर की छतों पर पानी के बर्तन रख सकते हैं, प्लास्टिक के फीडर को पेड़ों पर लटका सकते हैं।

04- हरिशंकर का कहना है कि गर्मी के दिनों में समय पर पानी नहीं मिलने से पक्षी दम तोड़ देते हैं। यदि पक्षियों को हमारे घर के आंगन में पानी मिलेगा तो निश्चित रूप से रोजाना यहां आएंगे और प्रकृति के खूबसूरत रंग आपको हर सुबह नजर आएंगे।

05 -संगम पाल का कहना है कि पक्षियों को दाना-पानी की व्यवस्था करना बहुत नेक और पुण्य का कार्य है और अपने घर में पक्षियों के लिए परिंडा बांधने की परंपरा को हम भूलते जा रहे हैं, जिसकी वजह से भीषण गर्मी के दिनों में पक्षियों को पानी की तलाश में यहां-वहां भटकना पड़ता है।हम अपने घर,बाग-बगीचे, स्कूल में परिडें अवश्य लगाये।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times Now Bundelkhand

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