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ठण्ड के दिनों में बच्चे एवं वृद्वजन रखे विषेश ध्यान – सी0एम0ओ0

ललितपुर : बदलते मौसम में ठण्ड से बचने के लिये स्वास्थ्य विभाग ने एडवाईजरी जारी की हैं। राश्ट्रीय परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत षीतलहर के संदर्भ में जारी मौसम संबंधी स्वास्थ्य परामर्ष के बारे में जानकारी देते हुये मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 इम्तियाज अहमद ने बताया कि षीतलहर का प्रभाव प्रत्येक वर्श दिसम्बर – जनवरी माह में होता हैं। षीत लहर का 5 वर्श से कम आयु के बच्चों एवं वृद्वजनो के स्वास्थ्य पर अधिक प्रभाव पड़ता हैं। इस दौरान पृथ्वी की सतह की निकटवर्ती हवा के तापमान में तेजी से गिरावट होने के कारण षरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं। ऐसी परिस्थिति में षरीर को हानि हो सकती हैं। ठण्ड व षीतलहर से नाक बहना, नाक बंद होना, कपकपी, मांसपेषियों में अकड़न, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हो सकते हैं।
इस तरह के लक्षण पाये जाने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार लेना चाहिये। ठण्ड से बचाव के लिये यथा संभव घर के अंदर रहे, ठण्डी हवा से बचने और षरीर की गर्मी को बचाने के लिये कम से कम यात्रा करें, गर्म कपड़े पहने एवं आवष्यकता पड़ने पर निराश्रृत व्यक्ति रैन बसेरा में आश्रय ले सकता हैं। राश्ट्रीय परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा0 रामनरेष सोनी ने बताया कि ठण्ड के मौसम में अस्थमा, खांसी, निमोनिया, आदि बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है अधिक ठण्ड लगने से हाइपोथर्मिया भी हो सकता हैं। अतः सभी को इस मौसम में विषेश ध्यान रखने की आवष्कता होती हैं। पब्लिक हैल्थ स्पेषलिस्ट डा0 सौरभ सक्सैना ने कहा कि ठण्ड के मौसम में षरीर के मौसम का तापमान बनाये रखने के स्वस्थ्य भोजन करे, गर्म तरल पदार्थ का सेवन करे। षीतलहर के निरंतर संपर्क से हाइपोथर्मिया की स्थिति विकसित हो सकती हैं जिसके कारण कपकपी, बोलने मे कठिनाई, नींद आना, मांसपेषियों मे अकड़न, भारी सांस लेना, कमजोरी और /या चेतना का ह्रास हो सकता हैं। हाइपोथर्मिया एक चिकित्सकीय आपात स्थिति है, जिसमें तत्काल चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिये। महामारी रोग विषेशज्ञ डा0 देषराज सिंह दोहरे ने बताया कि षीतलहर के दौरान कंपकंपी आने की स्थिति को नजर अंदाज न करे यह षरीर की गर्मी के ह्रास का पहला संकेत हो सकता हैं। ऐसी स्थिति में तत्काल घर के अंदर आ जाये। षीतदंष वाले स्थान की मालिस न करे। कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण होने वाले दुश्प्रभावों को रोकने के लिये मोमबत्ती, लकड़ी को बंद, बिना हवा वाले कमरो में न जलाये।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी
ललितपुर।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
#Timesnowbundelkhand

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