*पावागिरि में सिद्ध चक्र महामंडल विधान के चौथे दिन चौंसठ रिद्धि महामंडल विधान संपन्न।*

अष्टाह्निका महापर्व में जिनबिम्ब स्थापना का संकल्प करने से महान पुण्य बंध होगा -अंशू भैया।
*भारतीय संस्कृति और जैन दर्शन की त्यागमय सभ्यता है – पं. संतोष शास्त्री*
विशुद्धि पूर्वक सिद्धों की आराधना कर किये 128 अर्घ समर्पित।
तालबेहट। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र पावागिरि की पावन धरा पर अष्टाह्निका महापर्व में आयोजित सिद्ध चक्र महामंडल विधान के अंतर्गत पं. विनोद कुमार शास्त्री के नेतृत्व में चमत्कारी बाबा मूलनायक पारसनाथ स्वामी एवं संकट मोचक मुनिसुव्रतनाथ स्वामी की अभिषेक शांतिधारा की गयी। आदीश जैन एन्ड पार्टी गढ़ाकोटा के मधुर संगीत में चौंसठ रिद्धि विधान का भव्य आयोजन किया गया। इस मौक़े पर विधानाचार्य अंशू भैया कोलारस ने कहा सिद्ध क्षेत्र पर अष्टाह्निका महापर्व में जिनबिम्ब स्थापना और मंदिर निर्माण कराने का संकल्प करने से महान पुण्य बंध होगा, सभी को अपने जीवन में 6 जिनबिम्बों की प्रतिष्ठा अवश्य कराना चाहिए। कार्यक्रम में क्षेत्र प्रबंध समिति एवं मोदी सुरेंद्र कुमार, डॉ. मयंक, कमलेश जैन अहमदाबाद सहित निकटवर्ती समाज का सक्रिय सहयोग रहा। वहीं कसबे के पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में सिद्ध चक्र महामंडल विधान के चौथे दिन 128 अर्घ समर्पित किये गए। शनिवार को सुबह पं. संतोष कुमार जैन शास्त्री अमृत के निर्देशन में अभिषेक शांतिधारा के बाद पूजन विधान का आयोजन किया। रात्रि में मंगल आरती की भव्य शोभा यात्रा श्रीपाल-मैंनासुंदरी देवेंद्र कुमार गौरव मोदी बसार परिवार के निवास से मंदिर के लिए निकली तो संगीत की स्वर लहरियों के साथ श्रद्धालु खूब थिरके एवं मंदिर में महाआरती का आयोजन किया गया। तत्पश्चात धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए पं. संतोष कुमार शास्त्री ने कहा जिनेन्द्र भगवान की पियूष वाणी जगत कल्याणी होती है, जिसका रसपान करने वाला व्यक्ति शाश्वत सुख को प्राप्त कर मोक्ष मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा मैना सुंदरी और माता सीता के धैर्य को देखो जिन्होंने पति व्रत धर्म को निभाने के लिए कितना त्याग किया। भारतीय संस्कृति और जैन दर्शन की त्यागमय सभ्यता है, दृष्टांत से सिद्धांत जल्दी समझ में आता है। जैसे माँ हमें परेशान और रोता हुआ नहीं देख सकती है, वैसे ही जिनवाणी हमें संसार में भटकता हुआ नहीं देख सकती। चार अनुयोगो के ग्रंथों का स्वाध्याय करने से वीतरागता की प्राप्ति होती है। हमनें विचारों को कलुषित किया, दूसरों का बुरा सोचा, किसी का अहित किया उन्हीं कर्मों के आस्रव और बंध का निरोध करने के लिए पुरुषार्थ कर रहे हैं। इस मौके पर चौधरी सुमत प्रकाश, डॉ. महेंद्र, प्रकाश परिधान, कमलेश सिर्सी, अभय कुमार, यशपाल मिठया, अजय जैन अज्जू, आलोक चौधरी, कपिल मोदी, प्रीतेश पवैया, विशाल जैन पवा. सजल मोदी, रीतेश जैन, सुधीर चौधरी, अमन मोदी, रोहित बुखारिया, आकाश चौधरी, सौरभ जैन, आदेश मोदी, राहुल जैन, विशाल चौधरी, प्रिंस जैन, अभिषेक, मुकुल, अमित, अंकित, आशीष, अर्पित, मोंटी, सिटिल, हर्ष, सिद्धार्थ, आयुष सहित सकल दिगम्बर जैन समाज का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन अनिल चौधरी एवं मंदिर समिति के अध्यक्ष अरुण मोदी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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