सिद्ध चक्र महामंडल के दूसरे दिन किये 48 अर्घ समर्पित। धर्म रूपी वृक्ष की डाल में ही मोक्ष का फल लगता है- पं. संतोष शास्त्री

तालबेहट। कसबे के पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अष्टाह्निका महापर्व में आयोजित सिद्ध चक्र महामंडल विधान के दूसरे दिन 16 और 32 कुल 48 अर्घ समर्पित किये गए। गुरुवार को सुबह पं. संतोष कुमार जैन शास्त्री अमृत के निर्देशन में मंगलाष्टक, अभिषेक शांतिधारा के बाद संगीत की स्वर लहरियों के साथ पूजन विधान का आयोजन किया गया। जिसमें ध्वजारोहण कर्ता प्रकाश चंद्र पारौन, सौधर्म इंद्र चौधरी अभय जैन, श्रीपाल मैनासुंदरी रितिका गौरव मोदी, कुबेर इंद्र यशपाल मिठया, महायज्ञनायक चौधरी सुमत प्रकाश, ईशान इंद्र रोहित बुखारिया, लौकांतिक इंद्र सिटिल, सिद्धार्थ, हर्ष, आयुष, संस्कार आदि ने प्रमुख भूमिका निभाई। रात्रि में महाआरती का आयोजन किया गया। तत्पश्चात धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए पं. संतोष कुमार शास्त्री ने कहा पूर्व भव के पुण्योदय से सिद्धचक्र करने का सौभाग्य मिला है। संसार में तीन चक्र प्रचलित हैं, एक सुदर्शन चक्र जिसने शत्रु का नाश किया, दूसरा धर्म चक्र जिसने कर्मों का नाश किया और तीसरा सिद्ध चक्र जिसमें अनंतानंत सिद्धों की आराधना एवं उनका गुणानुवाद करते हैं। गुणानुवाद करने से हमें उन गुणों की प्राप्ति होती है। कर्मों की निर्जरा होती है। उन्होंने कहा जैसा करोगे वैसा फल मिलेगा, जीवन में कभी किसी की निंदा मत करना और दिगम्बर साधु के निंदा का विचार तो भूल से भी मन में मत लाना। विधान का व य-वर्ग का चौथा अक्षर, ध त-वर्ग का चौथा अक्षर और न प-वर्ग का पाँचवां अक्षर, जिसका योग 13 होता है और इसी 13 वें गुण स्थान को प्राप्त करने के लिए हम इस विधान का आयोजन करते हैं। 13 वाँ गुण स्थान केवली भगवान का होता है। उन्होंने श्रीपाल-मैना सुंदरी के जीवन चारित्र पर प्रकाश डालते हुए सिद्धचक्र महामंडल विधान का महत्त्व समझाया कि हमारी आत्मा में जो जन्म जरा मृत्यु का कोढ़ लगा है, उससे मुक्त होने के लिए हम विधान का आयोजन करते हैं। धर्म रूपी वृक्ष की डाल में ही मोक्ष का फल लगता है। भगवान कुछ देते नहीं और भगवान के बिना कुछ मिलता नहीं। जिसका विधानाचार्य रत्नत्रय से युक्त, देश काल को जानने वाला हो, मधुर वाणी बोलने वाला, देखने में सुन्दर और दूसरों का हितैषी होना चाहिए। विधान करने वालों में आनंद का भाव हो और भगवान के गुणों को प्राप्त करने की इच्छा हो। विधान का मंडप शुद्ध सुन्दर और सुसज्जित होना चाहिए। इस मौके पर पं. विजय कृष्ण, कमल मोदी, डॉ. महेंद्र, सनत कुमार, सुकमाल जैन, अनिल चौधरी, देवेंद्र बसार, कमलेश सिर्सी, अरुण मोदी, अजय जैन अज्जू, प्रीतेश पवैया, विशाल जैन पवा, आकाश चौधरी, सौरभ जैन, राहुल जैन, आदेश मोदी, अभिषेक जैन, अंकित, आशीष सहित सकल दिगम्बर जैन समाज का सक्रिय सहयोग रहा।
वहीं सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में सिद्ध चक्र महामंडल विधान में विधानाचार्य अंशू भैया कोलारस के नेतृत्व में चमत्कारी बाबा मूलनायक पारसनाथ स्वामी के अभिषेक शांतिधारा उपरांत आदीश जैन एन्ड पार्टी गढ़ाकोटा के मधुर संगीत में विधान के दूसरे दिन की क्रियाएँ की गयी। जिसमें क्षेत्र प्रबंध समिति एवं मोदी सुरेंद्र कुमार, डॉ. मयंक कमलेश जैन अहमदाबाद सहित निकटवर्ती समाज का सक्रिय सहयोग रहा।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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