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त्याग में ही जीवन का सुख और राग दुख का कारण- निर्भय सागर पर्यूषण पर्व में आचार्य श्री ने कहा त्याग से होता जीवन में उन्नति का मार्ग प्रशस्त

ललितपुर। त्याग के माध्यम से जीवन की उन्नति का मार्गप्रशस्त होता है जैसे जैसे वस्तु का त्याग करते जाते हैं वैसे वैसे जीवन की उन्नति होती चली जाती है। त्याग में सुख है राग में दुख इसलिए हमें त्याग धर्म को स्वीकारना चाहिए। पर पदार्थ को पूर्ण रूप से त्यागना ही सबसे बड़ा दान बताते हुए कहा इसे यथा समय करते रहना चाहिए।

पर्युषण पर्व पर श्री पार्श्वनाथ दि० जैन अटा मंदिर में आचार्य श्री निर्भय सागर महाराज ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए त्याग को मुक्ति का द्वार बताया। उन्होने कहा कुछ समय का त्याग भी आपको मुक्ति प्रदान कराने में सहयोगी होता है। उन्होंने कहा त्याग के दिन पूजा अनुष्ठान का जो अवसर मिल रहा है इसे आप लोग भोह राग द्वेष का त्याग कर प्रभु की भक्ति कर रहे हैं यह त्याग आपको महान बनाएगा।

धर्म सभा का शुभारम्भ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज, आचार्य अभिनंदनसागर, महाराज आचार्य विपुल सागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित जैन पंचायत अध्यक्ष का अक्षय टड़या द्वारा किया। प्रारम्भ में तत्वार्थसूत्र का वाचन आचार्य संघ के सानिध्य में हुआ। प्रातःकाल आचार्य श्री के सानिध्य में श्रावको को ध्यान की साधना कराई। धर्मसभा का संचालन महामंत्री डा० आकाश जैन द्वारा किया गया। अमिनंदनोदय तीर्थ में मुनि सुदत्त सागर महाराज एवं मुनि पद्मदत्त सागर महाराज के सानिध्य मे श्रावकों ने पर्वराज पर्यूषण पर्व पर प्रभु अभिषेक शान्तिधारा की। इस दौरान कहा त्याग हमारी आत्मा को स्वस्थ और सुन्दर बनाता है जिसको धारण करने में सुख मिलता है। उन्होने कहा त्याग हमें परिग्रह से मुक्ति दिलाता है त्याग एक ऐसा धर्म है जिसके बिना हमारा जीवन कष्टमय हो जाता है। उन्होंने प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से श्रावकों को त्याग धर्म से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

पर्यूषण पर्व पर नगर के प्रमुख मंदिर अभिनंदनोदय तीर्थ, जैन अटामंदिर, आदिनाथ बडा मंदिर, पार्श्व नया मंदिर, आदिनाथ मंदिर गांधीनगर, चन्द्रप्रभु मंदिर डोडाघाट, शान्तिनगर मंदिर गांधीनगर इलाइट जैन मंदिर, सिविल लाइन्, वाहुवलिनगर पार्श्वनाथ कालौनी एमब्रोशिया कालौनी में पहुंचकर प्रातःकाल से मंदिर पूजन अभिषेक के साथ श्रावक पर्युषण पर्व की पूजन एवं मध्यान्ह में जैन मंदिरों में समवशरण विधान, पंचकल्याणक विधान, पंच परमेष्ठी विधान, कर्मदहन विधान, नवग्रह पूजन विधान, वृत उद्यापन आदि में सम्मलित होकर पुर्याजन कर रहे हैं। कई जगह सुन्दर सुन्दर झांकियों की रचनाए बच्चों की टोलियों द्वारा की गई जिनको श्रद्धालुजन प्रोत्साहित कर रहे हैं। सायंकाल जैन अटामंदिर में अखिलभरतीय दिगम्बर जैन महिला परिषद के तत्वावधान में अष्टप्रातिहार्य प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हुई जिसका संयोजन संरक्षक वीणा जैन, अनीता मोदी, डिम्पल जैन द्वारा किया गया। जैन परिषद के अध्यक्ष अजय जैन साइकिल महामंत्री अक्षय अलया, प्रबंधक मनोज जैन बबीना, अजय जैन गंगचारी, सन्मति सराफ, देवेन्द्र जैन डिस्को, डॉ अजय जैन द्वारा पुरूष्कृत किया गया। प्रतियोगिता अलका जैन, प्रीति मोहनी, सरिता जैन, अंजना बुखारिया, संगीता जैन आदि प्रमुख रहे। अभिनंदनोदय तीर्थ में जिनवाणी सेवा मण्डल द्वारा भारतीय परिधान प्रतियोगिता हुई जबकि पार्श्वनाथ जैन नया मंदिर में पाठशाला परिवार द्वारा भाग्य और पुरुषार्थ विषयक प्रतियोगिता में प्रतिभागी सम्मलित हुए।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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