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पर्यूषण महापर्व में धार्मिक अनुष्ठानों की मची धूम दशलक्षण पर्व के दूसरे दिन मान कषाय छोड़कर उत्तम मार्दव धर्म को किया अंगीकार

ललितपुर। सिद्ध क्षेत्र पावागिरि सहित तालबेहट के दोनों जैन मंदिरों में गुरुवार से शुरू हुए जैन धर्म के दशलक्षण महापर्व में धार्मिक अनुष्ठानों की धूम रही। सुबह से ही भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुँचकर ध्वजारोहण अभिषेक शांतिधारा पूजन विधान की क्रियाएँ संपन्न की एवं उत्तम मार्दव धर्म को अंगीकार किया। तत्पश्चात तत्त्वार्थ सूत्र वाचन के साथ अर्घ समर्पित किये। सायं कालीन बेला में संगीतमय आरती में भक्तों ने झूमते नाचते हुए भक्ति प्रस्तुत की।  वासुपूज्य दिगम्बर जैन मंदिर में धर्म श्रेष्ठी परिवारों ने आचार्य विद्यासागर महाराज का चित्र अनावरण कर दीप प्रज्जवलित किया। मंगलाचरण निमिषा जैन ने किया। शास्त्र प्रवचन में सांगानेर से पधारे सजल भैया भगवां ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा सांसारिक विषय भोग अभिलाषा, वस्त्र-आभूषण नहीं छोड़ सकते हो तो यह दशलक्षण पर्व हमें इनको सीमित करना सिखाता है। क्षमा को धारण करने में क्रोध एक बाधा है जिसने क्रोध को जीत लिया क्षमा स्वयमेव आ जाएगी। पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में पं. संतोष कुमार जैन अमृत ने धर्म का मर्म समझाते हुए कहा जो अष्ट कर्म का निवारण करने वाला संसार दुःख को छुड़ाने वाला और मोक्ष रूपी सुख को देने वाला ही सच्चा मार्ग है, जिसके लिए दशलक्षण धर्म को धारण करना ही होगा। अहिंसा सेवा संगठन के संस्थापक विशाल जैन पवा ने बताया कि शनिवार को उत्तम आर्जव के दिन जैन धर्म के नौवें तीर्थंकर पुष्पदन्तनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लाडू चढ़ाया जायेगा एवं संकटमोचक मुनिसुव्रतनाथ भगवान की विशेष पूजन की जाएगी। कार्यक्रम में सकल दिगम्बर जैन समाज का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन अनिल जैन एवं आभार व्यक्त अंजेश गुन्देरा और रोहित बबीना ने किया।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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