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*जहाँ जिज्ञासा है, वहीं भविष्य की जीत है – डॉ. विकास गुप्ता ‘जीत’* *“गाँव के बच्चों ने विज्ञान से रची भविष्य की उड़ान”*

रघुनाथपुरा ललितपुर ।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन एवं अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में पूर्व माध्यमिक विद्यालय रघुनाथपुरा में विज्ञान मेले का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम खंड शिक्षा अधिकारी जखौरा भुवनेन्दु अरजरिया के निर्देशन तथा गेटेम्बे फाउंडेशन (ग्लोबल एमपावरमेंट टीम मिशन बेटियां) के संस्थापक डॉ. विकास गुप्ता “जीत” के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।

विद्यालय परिसर बच्चों की उमंग, विज्ञान मॉडल्स की प्रदर्शनी और शिक्षा की रोशनी से जगमगा रहा था। छोटे-छोटे गाँव के बच्चों ने जब अपने बनाए मॉडल्स प्रस्तुत किए तो उपस्थित जनसमूह को यह महसूस हुआ कि भविष्य सचमुच इन बच्चों के हाथों में है।

*शुभारंभ और वातावरण*

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर एवं माँ सरस्वती कि मूर्ति पर माल्यार्पण कर किया। दीप की ज्योति ने ज्ञान और विज्ञान की उस शक्ति का संदेश दिया, जो अंधकार को मिटाकर बच्चों के भविष्य को आलोकित करती है।

*प्रशिक्षण और बच्चों की रचनात्मकता*

अगस्त्य फाउंडेशन के प्रोजेक्ट इंचार्ज संजीव पटेल ने विद्यार्थियों को मानव शरीर, कंकाल तंत्र, माइक्रोस्कोप, सीजन मॉडल सहित 25 विज्ञान मॉडल्स और गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया। इस प्रशिक्षण के आधार पर कुल 33 विद्यार्थियों ने अपने मॉडल्स के साथ प्रतिभाग किया।
जब इन बच्चों ने अपने मॉडल्स प्रस्तुत किए तो उनकी आँखों में आत्मविश्वास और चेहरे पर उत्साह साफ झलक रहा था। लगभग 470 विद्यार्थी और शिक्षक इस प्रदर्शनी के साक्षी बने, जिन्होंने बच्चों के हुनर को खुलकर सराहा।

बच्चों की मेहनत से बने मॉडल्स ने यह साबित कर दिया कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं या किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू से जुड़ा हुआ है।

*विज्ञान मेले का महत्व*

ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में इस प्रकार के आयोजन बच्चों की छिपी हुई प्रतिभा को सामने लाते हैं। अक्सर माना जाता है कि गाँवों के बच्चों को बड़े अवसर नहीं मिलते, लेकिन रघुनाथपुरा विद्यालय का यह विज्ञान मेला इस सोच को बदलने वाला साबित हुआ।

यह आयोजन बच्चों में केवल विज्ञान की समझ ही नहीं बढ़ाता, बल्कि उनमें समस्या-समाधान की क्षमता, आत्मविश्वास और रचनात्मक सोच को भी मजबूत करता है।

*राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की प्रासंगिकता*

इस आयोजन का विशेष महत्व इसलिए भी रहा क्योंकि यह राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर हुआ। भारत की अंतरिक्ष यात्राएँ , चंद्रयान से लेकर मंगलयान तक, यह प्रमाण हैं कि जिज्ञासा और मेहनत से असंभव को संभव बनाया जा सकता है।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस बच्चों को यह संदेश देता है कि यदि वे भी लगातार प्रयास करें, तो भविष्य में वे देश के लिए अंतरिक्ष के नए इतिहास लिख सकते हैं। विज्ञान मेला इसी प्रेरणा का प्रत्यक्ष उदाहरण बना।

*मुख्य अतिथि डॉ. विकास गुप्ता “जीत” का प्रेरक संबोधन*

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, गेटेम्बे फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. विकास गुप्ता “जीत” ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि “विज्ञान केवल किताबों तक सीमित नहीं है। यह हमारे जीवन की धड़कन है। जब आप प्रयोगों से सीखते हैं, तो आपके भीतर आत्मविश्वास और कल्पनाशक्ति दोनों पनपते हैं। यह विज्ञान मेला साबित करता है कि गाँव का बच्चा भी शहर के बच्चों की तरह बड़े सपने देख सकता है और उन्हें पूरा कर सकता है। कल यही बच्चे अंतरिक्ष की ऊँचाइयों को छूकर भारत का नाम रोशन करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि समाज़सेवी संस्था एवं फाउंडेशन निरंतर इस प्रकार के प्रयासों को प्रोत्साहित करते रहते हैं ताकि ग्रामीण बच्चों को भी नवाचार और वैज्ञानिक सोच का अवसर मिले।

*डॉ. गुप्ता के शब्द बच्चों के लिए ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत बने।*

*पुरस्कार और प्रोत्साहन*

विज्ञान मेले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए गए। पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की आँखों में जो चमक थी, उसने यह संदेश दिया कि मेहनत और जिज्ञासा हमेशा सफलता की ओर ले जाती हैं। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश जायसवाल , शिक्षक मोहम्मद मुनीर, दिलीप सेन, श्रीमती उर्वशी साहू, मो. शाकिर, श्रीमती अंजली कुशवाहा और श्रीमती हेमलता विश्वकर्मा उपस्थित रहे।
संस्था की ओर से एरिया लीड नीरज शर्मा, विनय चतुर्वेदी और हर्षित त्रिपाठी ने भी सभी मॉडल्स का अवलोकन कर बच्चों का हौसला बढ़ाया। यह विज्ञान मेला बच्चों के लिए केवल एक दिन का आयोजन नहीं था, बल्कि यह उनके भविष्य की उड़ान का प्रारंभ था। ग्रामीण बच्चों ने दिखा दिया कि अवसर मिलने पर वे भी विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में किसी से कम नहीं हैं। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर आयोजित यह मेला इस बात का प्रतीक बन गया कि छोटे गाँव के छोटे-छोटे सपने भी बड़े आसमान को छू सकते हैं। रघुनाथपुरा विद्यालय का विज्ञान मेला केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों और जिज्ञासा का उत्सव था। इसने यह विश्वास दिलाया कि विज्ञान ही वह साधन है जिससे भारत का भविष्य संवर सकता है।
डॉ. विकास गुप्ता “जीत” के शब्द बच्चों के लिए दीपक की तरह रहे, जिन्होंने उनमें ज्ञान, जिज्ञासा और आत्मविश्वास की नई ऊर्जा भरी।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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