*देवों के पास आठ प्रकार की ऋद्धियां होती हैं*….. *सौम्य सागर महामुनि राज*

टीकमगढ़ शहर की बाजार जैन मंदिर में मुनि संघ का चतुर्मास चल रहा है जिसमें प्रतिदिन 64 रिद्धि विधान होता है
धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जनता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रातः श्रीजी का अभिषेक, शांति धारा के बाद विधान होता है सुबह 8:30 बजे से प्रवचन का लाभ मिलता है सौम्य सागर जी महाराज ने प्रवचन में जीवन को जीने की कला के साथ-साथ देव गति में देवों की आठ प्रकार की ऋद्धियां के बारे में विस्तार पूर्वक बताया
कि देव अपने शरीर को छोटा और बड़ा कर सकते हैं देवों के पास बैक्रिया शरीर होता है वह अपने शरीर को भारी एवं हल्का बना सकते हैं एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच सकते हैं अनेक रूप धारण कर सकते हैं
नरेंद्र जनता ने महाराज श्री से पूछा कि यह आठ रिद्धि मनुष्य को प्राप्त हो सकती हैं क्या
उन्होंने कहा 8 , तो क्या 64 रिद्धि भी मनुष्य प्राप्त करने में समर्थ होता है अपने स्वयं के तप के बल पर महाराज श्री ने कहा कि मनुष्य गति पुण्य के उदय से प्राप्त हुई है इसे पुण्य कार्य में ही लगाना है
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
Times now bundelkhand
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