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शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने 13 लाख पार्थिव शिवलिंग का किया निर्माण

ललितपुर। श्री सिद्धपीठ चंडी मंदिर धाम पर चल रहे सवा पांच करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण कार्यक्रम में शुक्रवार को श्रद्धालुओ ने 13 लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। अपराह्न में पार्थिव शिवलिंग का महारूद्धाभिषेक किया गया। तत्पश्चात कथा सुनाते हुए परमपूज्य चंडीपीठाधीश्वराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी चन्द्रेश्वर गिरि महाराज ने कहाकि जो श्रवण, कीर्तन और मनन, इन तीनों साधनों व अनुष्ठान से भगवान शंकर के लिंग एवं मूर्ति की स्थापना करके नित्य उसकी पूजा करे तो संसार-सागर से पार हो सकता है। अपने सामर्थ्य के शक्ति के अनुसार दान ले जाय और उसे शिवलिंग अथवा शिवमूर्ति की सेवा के लिये अर्पित कर दे। साथ ही निरंतर उस लिंग एवं मूर्ति की पूजा भी करे। उसके लिये भक्तिभाव से मंडप, गोपुर, तीर्थ, मठ एवं क्षेत्र की स्थापना करे तथा उत्सव रचाये द्य वतस्त्र, गंध, पुष्प, धुप, दीप तथा पूजा और प्रसाद अन्न नैवेद्य के रूप में समर्पित करे। छत्र, ध्वजा, व्यंजन, चामर तथा अन्य अन्गोसहित राजोपचार की भांति सब सामान भगवान शिव के लिंग एवं मूर्ति को चढाये। प्रदक्षिणा, नमस्कार तथा यथाशक्ति जप करे। आवाहन से लेकर विसर्जनत्तक सारा कार्य प्रतिदिन भक्तिभाव से सम्पन्न करे। इस प्रकार शिवलिंग अथवा शिवमूर्ति में भगवान शंकर की पूजा करनेवाला पुरुष श्रवणादि साधनों का अनुष्ठान करे तो भी भगवान शिवकी प्रसन्नता व सिद्धि प्राप्त कर लेता हैं। प्राचीन समय में कई भक्तों ने अपनी भक्ति से शिव को प्रसन्न किया हैं। उन्होंने कहाकि ब्रह्म व सर्वत्र होने के कारण ‘निष्कल’ (निराकार) कहे गये हैं। रूपवान होने के कारण उन्हें ‘सकल’ भी कहा गया हैं। इसलिए वे सकल और निष्कल दोनों हैं द्य शिवके निष्कल दृ निराकार होने के कारण ही उनकी पूजा का आधारभूत लिंग भी निराकार ही प्राप्त हुआ हैं। अर्थात शिवलिंग शिव के निराकार स्वरूप का प्रतीक हैं। इसी तरह शिव के सकल या साकार होने के कारण उनकी पूजा का आधारभूत विग्रह साकार प्राप्त होता हैं अर्थात शिव का साकार विग्रह उनके साकार स्वरुप का प्रतीक होता हैं द्य सकल और अकल (समस्त अंग-आकार-सहित निराकार) रूप होने से ही वे ‘ब्रह्म’ शब्द से कहे जानेवाले परमात्मा हैं द्य वही कारण हैं कि सब लोग लिंग (निराकार) और मूर्ति (साकार) दोनों में ही सदा भगवान शिव की पूजा करते हैं। पूजन व महारूद्धाभिषेक मुख्य यजमान हरिशंकर साहू व सह यजमान गिरीश शर्मा, राजेश खैरा, अजय तिवारी नीलू, लक्ष्मीनारायण साहू, राकेश तिवारी आदि ने किया।

पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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