
(ललितपुर)वैज्ञानिक संत आचार्य निर्भय सागर महाराज ससंघ की आज दिगम्बर जैन समाज ने भव्य शोभायात्रा के साथ नगर में अगुवाई की। द्वार-द्वार पर आरती,पादप्रक्षालन कर श्रावकों ने आचार्य श्री ससंघ का पादप्रक्षालन किया और आरती उतारी। श्रावक-श्राविकाएं भक्ति में झूमते हुए मंगलगान कर शोभायात्रा में आकर्षण का केन्द्र रहे।आज प्रात:काल आचार्य श्री निर्भय सागर महाराज ग्राम मिर्चवारा से पदविहार करते हुए ज्ञानोदय तीर्थ पहुंचे जहां जैन समाज के श्रावकों ने आचार्य श्री की अगुवाई की।आचार्य श्री के मुखारविन्द से श्रावकों ने प्रभु अभिषेक, शान्तिधारा का पुण्यार्जन किया। ज्ञानोदय तीर्थ में श्रावकों ने आचार्य श्री ससंघ की आहारचर्या में आहारदान किया। सामायिक के उपरान्त मध्यान्ह दिगम्बर जैन पंचायत समिति के पदाधिकारियों ने आचार्य श्री ससंघ से नगर में प्रवेश हेतु श्रीफल अर्पित कर आर्शीर्वाद ग्रहण किया। इसके उपरान्त गाजे-बाजे के साथ आचार्य श्री ससंघ का विहार ललितपुर नगर में हुआ। आचार्य श्री अपने संघ के संघस्थ मुनि शिवदत्तसागर महाराज, सुदत्तसागर महाराज, गुरुदत्त सागर महाराज, भूदत्त सागर महाराज, मेघदत्तसागर महाराज, पदमदत्तसागर महाराज, मुनि बृषभदत्त सागर महाराज, छुल्लक चन्द्रदत्तसागर महाराज,श्रीदत्त सागर महाराज के साथ पदविहार करते हुए नगर की ओर आगे बढ़े। शोभायात्रा के आगे संत शिरोमणि आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के विभिन्न स्वरूपों एवं प्रकल्पों की झांकियां चल रही थी। इसके उपरान्त महिला मण्डल की श्राविकाएं डांडिया नृत्य करते हुए भक्ति कर रही थी। आदिनाथ सेवा संघ बाहुवलि नगर के बच्चों का दिव्यघोष, आचार्य संघ के पदविहार में जहां आकर्षण का केन्द्र रहा वहीं आचार्य श्री संघ सहित नगरवासियों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा नेहरू महाविद्यालय मार्ग से मवेशी बाजार होते हुए आजाद चौक से सावरकर चौक होते हुए पार्श्वनाथ जैन अटामंदिर पहुंची। अटा मंदिर के मुख्य द्वार पर जैन पंचायत के पदाधिकारियों ने आचार्य श्री ससंघ की आरती उतारी और पादप्रक्षालन कर मंदिर जी में प्रवेश कराया।जैन अटामंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य श्री निर्भयसागर महाराज ने जैन धर्म को वैज्ञानिक बताते हुए कहा श्रावकों को साधु संगति में रहकर अधिक से अधिक समय धर्मध्यान और ज्ञानार्जन में लगाना चाहिए। चातुर्मास में साधु जहां एक स्थान पर रहकर अपनी साधना करते है वहीं श्रावक साधुओं के सानिध्य में रहकर आत्मकल्याण और जीवन सुधारने की सीख ले सकते हैं। आचार्य श्री ने कहा गुरू पर श्रद्धान करना सीखों इन्हीं के द्वारा आत्मा को परमात्मा बनाने का मार्ग प्रशस्त होता है। ललितपुर को लालित्य नगरी बताते हुए आचार्यश्री ने जहां के श्रावकों में अध्यात्म के प्रति रूचि को प्रसंशनीय बताया। धर्मसभा का शुभारम्भ जननी जैन ने मंगलाचरण कर किया जबकि पाठशाला की बालिकाओं ने गुरुभक्ति नृत्य प्रस्तुत किया। आचार्यश्री के पादप्रक्षालन का पुण्यार्जन जैन पंचायत के आडीटर पवन जैन,अन्तिम अमित जैन परिवार द्वारा किया गया। दिगम्बर जैन पंचायत के अध्यक्ष डा० अक्षय टडैया ने पंचायत पदाधिकरियों के साथ आचार्य श्री को ललितपुर में चातुर्मास स्थापना हेतु श्रीफल अर्पित कर आर्शीर्वाद ग्रहण किया। महामंत्री आकाश जैन ने ललितपुर समाज के साथ आचार्य श्री का 39वां चातुर्मास स्थापना का अवसर मिलने को पुण्य का कारण बताया। ब्रह्मचारी मनोज भैया ने धार्मिक कियाओं की संयोजना कर आचार्य श्री को नमन किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से समाज श्रेष्ठी अखिलेश जैन गदयाना शिखरचंद्र किसलवास, सोमचंद्र लकी, महेन्द्र मयूर, सुरेश बडेरा,कपूरचंद लागौन, कोमल दादा के अतिरिक्त मंदिर प्रबंधक अजय जैन,मनोज जैन बबीना, कैप्टन राजकुमार जैन, सनत खजुरिया, सौरभ जैन सीए,अक्षय अलया, मोदी पंकज जैन,प्रतीक इमलिया,राकेश जैन, अमित सराफ, रज्जन सराफ, प्रभात जैन लागौन, अजय जैन साईकिल,संजीव सौंरया, संजय जैन ककड़ारी आनंद जैन भागनगर, शिक्षक पुष्पेन्द्र जैन,मनोज जैन पत्रकार, अनंत सराफ,अंकुर जैन शानू, पवन जैन शिवाजी, चंचल पहलवान, आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
पत्रकार रामजी तिवारी मड़ावरा
चीफ एडिटर टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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