अन्धे हत्याकाण्ड का पुलिस ने किया पर्दाफाश चार माह पहले हुयी थी हत्या तालाब में मिला था युवक का शव दो शातिर बदमाशों को पुलिस ने किया गिरफ्तार,
ललितपुर। इसी वर्ष के माह जुलाई के दूसरे सप्ताह में जुगपुरा की तलैया में एक युवक का शव पड़ा मिला था। प्रथम दृष्टया पुलिस इस घटना को हत्या का मान कर जांच-पड़ताल में जुट गयी। पड़ताल में दो शातिर बदमाशों के नाम प्रकाश में आये, जो कि ट्रेनों में मृतक के साथी रहते हुये चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। चार माह बाद आखिरकार पुलिस अधीक्षक मो.मुश्ताक की मेहनत रंग लायी और अंधे हत्याकाण्ड का पर्दाफाश हो सका। इस प्रकरण का सफलता पूर्वक पर्यवेक्षण करने में एएसपी अनिल कुमार और सीओ सदर अभय नारायण राय की भूमिका भी प्रशंसनीय रही है।
एसपी मो.मुश्ताक ने बताया कि जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में जुगपुरा तलैया में एक युवक का शव पड़ा मिला था। घटना की सूचना जुगपुरा निवासी भज्जू अहिरवार पुत्र बारेलाल ने पुलिस को दी थी। इसी सूचना पर पुलिस ने मौका मुआयना कर फोरेन्सिक जांच कर साक्ष्य संकलन किया गया था। घटना के करीब पन्द्रह दिन बाद युवक की पहचान मध्य प्रदेश के जिला टीकमगढ़ अंतर्गत बानपुरा दरबाजा निवासी 30 वर्षीय दीपक यादव पुत्र देवीदयाल के रूप में उसके ही परिजनों द्वारा की गयी थी। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुये एएसपी अनिल कुमार के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया गया था और घटना के अनावरण को लेकर सीसीटीवी कैमरों की मदद ली गयी और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की गयी। जांच के दौरान वीरेन्द्र अहिरवार व विकास अहिरवार के नाम प्रकाश में आये। एसपी ने अंधे हत्याकाण्ड के खुलासे को लेकर पूर्व गठित टीमों पर जोर दिया, जिससे संकलित साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किये गये टीकमगढ़ के हनुमान सागर निवासी वीरेन्द्र अहिरवार व मुहल्ला रोरैया निवासी विकास अहिरवार से पूछताछ भी की गयी। पूछताछ के दौरान पकड़े गये वीरेन्द्र व विकास ने बताया कि वह मृतक दीपक यादव के साथ मिलकर अलग-अलग रेलवे स्टेशनों से ट्रेनों में बैठकर अपना-अपना मोबाइल नम्बर बंद कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे और जो कुछ भी मिलता था, उसे बांट लेते थे। बताया कि उस दिन किसी ट्रेन में उन्होंने चोरी की थी, जिसमें रुपये व कीमती सामान मिला था। जिसे लेकर वह जुगपुरा के सुनसान इलाके में पहुंचे, जहां जाकर शराब का सेवन किया और सामान बटवारे को लेकर विवाद हो गया। विवाद को बढ़ता देख उसने नशे में धुत्त होकर मारपीट करते हुये दीपक यादव का गला घोंट कर हत्या कर दी और पकड़े न जायें इस डर से शव को तालाब में फेंक दिया था। घटना के बाद पहचान न हो इसके लिए दोनों अलग-अलग स्थानों पर रह रहे थे। इधर घटना को लेकर धारा 103(1), 238 बीएनएस के तहत दर्ज किया गया था। पुलिस ने पकड़े गये बदमाशों के पास से आलाकत्ल के रूप में दोपट्टा बरामद किया है। अभियुक्तों को पकडऩे वाली पुलिस टीम में शहर कोतवाल रमेशचंद्र मिश्रा, सर्विलांस प्रभारी आलोक सिंह व स्वाट टीम प्रभारी अतुल दुबे अपनी टीम के साथ शामिल रहे। वहीं अंधे हत्याकाण्ड का खुलासा करने वाली टीम को पुलिस अधीक्षक ने 25 हजार रुपये का पुरुस्कार देने की घोषणा की।
पत्रकार रामजी तिवारी (मडावरा)
संपादक टाइम्स नाउ बुन्देलखण्ड
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